सरकार का खाद्य प्रसंस्करण और भंडारण अवसंरचना को बढ़ावा देने पर विशेष जोर

नई दिल्ली, 10 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) की परिकल्पना एक व्यापक पैकेज के रूप में की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप खेत से लेकर खुदरा दुकानों तक कुशल आपूर्ति शृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक अवसंरचना का निर्माण होगा। यह न केवल देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की क्षमता में भी सुधार करेगा, जो किसानों को बेहतर रिटर्न प्रदान करने और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने, कृषि उपज की बर्बादी को कम करने, प्रसंस्करण स्तर को बढ़ाने और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ाने में मदद करेगा।

यह जानकारी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री रवनीत सिंह ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी। इसमें बताया गया कि पीएमकेएसवाई के तहत स्टैंडअलोन कोल्ड स्टोरेज का समर्थन नहीं किया जाता है। पीएमकेएसवाई की एक उप-योजना एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्य संवर्धन अवसंरचना योजना के तहत पिछले पांच वर्षों में तेलंगाना राज्य में 06 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

भारतीय खाद्य निगम, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भंडारण सुविधाओं को उन्नत एवं आधुनिक बनाने के लिए भारत सरकार ने देश में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड पर स्टील साइलो के निर्माण के लिए कार्य योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत देश भर में विभिन्न स्थानों पर 24.25 एलएमटी क्षमता वाले साइलो का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से 17.75 एलएमटी क्षमता वाले साइलो का निर्माण पूरा हो चुका है, शेष 6.5 एलएमटी विकास के विभिन्न चरणों में हैं। उपरोक्त के अतिरिक्त सर्किट बेस मॉडल के तहत 7 स्थानों पर 5.5 एलएमटी क्षमता वाले साइलो का निर्माण पहले ही किया जा चुका है तथा वर्ष 2007-09 में इनका उपयोग शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा हब एवं स्पोक मॉडल के चरण-I के तहत एफसीआई के स्वामित्व वाली भूमि पर 14 स्थानों पर 10.125 एलएमटी क्षमता के साइलो का निर्माण किया जा चुका है तथा निजी भूमि पर 66 स्थानों पर 24.75 एलएमटी क्षमता के साइलो का निर्माण किया जा चुका है तथा ये विकास के चरण में हैं।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय वर्ष 2016-17 से केंद्रीय क्षेत्र की अम्ब्रेला योजना पीएमकेएसवाई को क्रियान्वित कर रहा है, जिसका उद्देश्य फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान में कमी सहित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए फसल कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे और प्रसंस्करण सुविधाओं का निर्माण करना है। पीएमकेएसवाई के तहत घटक योजनाएं उद्यमियों को खाद्य प्रसंस्करण/संरक्षण बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए अनुदान के रूप में ऋण से जुड़ी वित्तीय सहायता (पूंजी सब्सिडी) प्रदान करती हैं, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए कोल्ड स्टोरेज और रेफ्रिजरेटेड वाहन शामिल हैं।

नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (नैबकॉन्स) द्वारा 2020 में “खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) द्वारा सहायता प्राप्त एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्य संवर्धन अवसंरचना योजना के अंतर्गत कार्यान्वित इकाइयों के प्रभाव” पर अध्ययन किया गया। इसके अनुसार यह रेखांकित किया गया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्य संवर्धन अवसंरचना योजना के हस्तक्षेप के कारण सभी क्षेत्रों में नुकसान में कुछ कमी देखी गई। हालांकि, फलों और सब्जियों, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र में नुकसान में महत्वपूर्ण कमी देखी गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव

   

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