संसदों में एआई और सोशल मीडिया होगा अगले सीएसओपीसी सम्मेलन का फोकसः बिरला

नई दिल्ली, 10 जनवरी (हि.स.)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि अगले साल भारत में आयोजित होने वाले 25वें कॉमनवेल्थ देशों की संसदों के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन (सीएसओपीसी) का मुख्य फोकस संसदों के कामकाज में एआई और सोशल मीडिया के अनुप्रयोग पर होगा। उन्होंने यह टिप्पणी गर्नजी में आज आयोजित सीएसओपीसी की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में हो रहे परिवर्तन का जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि भारत के पास अब विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा और सेवा क्षेत्र है। उन्हें उम्मीद है कि अगले साल सम्मेलन के लिए भारत आने वाले देश की विरासत और प्रगति के अद्वितीय मिश्रण का अनुभव करेंगे।

लोकतंत्र के संरक्षक, विकास को गति देने वाले और लोक कल्याण के संवाहक के रूप में संसदों की भूमिका पर बल देते हुए बिरला ने जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और साइबर अपराध जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए संसदों को अधिक प्रभावी, समावेशी और पारदर्शी बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने 2026 में 28वें सीएसओपीसी के मेजबान के रूप में भारत को चुने जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इससे भारत को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और समावेशिता और सद्भाव की सदियों पुरानी परंपराओं को विश्व के साथ साझा करने का अनूठा अवसर मिलेगा ।

बिरला ने वैश्विक सहयोग और एकता के मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में वसुधैव कुटुम्बकम- पूरा विश्व एक परिवार है के प्राचीन भारतीय दर्शन की प्रासंगिकता के बारे में भी बात की।

बैठक के दौरान हुई चर्चाओं में भारत में आयोजित किए जा रहे आगामी 28वें सीएसओपीसी के एजेंडे को अंतिम रूप देना और दुनिया भर की संसदों को प्रभावित कर रहे प्रणालीगत मुद्दों पर विचार-विमर्श करना शामिल था। अध्यक्ष ने 1970-71, 1986 और 2010 में सीएसओपीसी सहित ऐसे कार्यक्रमों की मेजबानी करने की भारत की परंपरा के बारे में बताया और राष्ट्रमंडल देशों के सभी पीठासीन अधिकारियों को नई दिल्ली में सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

   

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