चीन ने ट्रंप की 100 फीसदी टैरिफ वाली बात को खारिज किया

बीजिंग, 23 जनवरी (हि.स.)। चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 100 फीसदी टैरिफ वाली बात को खारिज किया है। गुरुवार को चीन ने कहा कि ब्रिक्स गुट टकराव की वकालत नहीं करता है और किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाता है।

चीनी विदेश मंत्रालय (एमओएफए) के प्रवक्ता ने कहा कि उभरते बाजारों और विकासशील देशों के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में ब्रिक्स खुलेपन, समावेशिता और सर्वजीत के सहयोग की वकालत करता है। इसका उद्देश्य सामान विकास और समृद्धि को साकार करना है। प्रवक्ता ने आगे कहा कि चीन विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग को गहरा करने और विश्व अर्थव्यवस्था की स्थिर वृद्धि में अधिक योगदान देने के लिए ब्रिक्स भागीदारों के साथ काम करना जारी रखने के लिए तैयार है।

भारत पहले ही कह चुका है कि उसे अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पिछले साल दिसंबर में दोहा फोरम में अपने संबोधन के दौरान कहा था कि भारत कभी भी डी-डॉलरीकरण के पक्ष में नहीं था और अभी ब्रिक्स मुद्रा रखने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा था, अमेरिका हमारा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। डॉलर को कमजोर करने में हमारी कोई रूचि नहीं है।

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 20 जनवरी को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ग्रहण के बाद कहा था कि अगर ब्रिक्स समूह (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के सदस्य राष्ट्र व्यापार में डॉलर के उपयोग में कटौती करने की कोशिश करते हैं तो उन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। इसी पर चीन ने प्रतिक्रिया दी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

   

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