बांग्लादेश में कैद इस्कॉन भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की उम्मीद, कोलकाता में प्रार्थनाएं जारी

कोलकाता, 01 जनवरी (हि. स.)। इस्कॉन कोलकाता ने बुधवार को उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में कैद हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास को उनके आगामी सुनवाई में न्याय मिलेगा। दास को दो जनवरी को बांग्लादेश की एक अदालत में पेश किया जाना है।

चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर को चटगांव में दर्ज एक राजद्रोह मामले के सिलसिले में ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास से गिरफ्तार किया गया था। इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने बताया कि संगठन नए साल के पहले दिन भी बांग्लादेश के हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और शांति के लिए प्रार्थना करेगा।

उन्होंने कहा, न्याय प्राप्त करने के लिए सबसे जरूरी है कि न्यायिक प्रणाली सही ढंग से काम करे। दास ने यह भी बताया कि पिछले दो सुनवाई के दौरान चिन्मय दास के वकीलों को अदालत में पेश होने से रोका गया था। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार उनके वकील अदालत में उनका प्रतिनिधित्व कर सकेंगे।

इस्कॉन प्रवक्ता ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अपील की है कि यदि किसी वकील को दास का प्रतिनिधित्व करने से रोका जाता है या धमकाया जाता है, तो ऐसे मामलों में कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू, जो देश की 17 करोड़ की आबादी का मात्र आठ प्रतिशत हैं, पिछले कुछ महीनों में गंभीर हमलों का सामना कर रहे हैं। पांच अगस्त को शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से 50 से अधिक जिलों में सैकड़ों हमले हुए हैं।

दास ने पहले भी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अपील की थी कि कट्टरपंथियों पर कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए ताकि अल्पसंख्यकों में विश्वास बहाल हो सके।

कोलकाता में बंगीय हिंदू जागरण समिति के सदस्यों ने दास की गिरफ्तारी के विरोध में रैली निकाली और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की। संगठन ने कहा कि बांग्लादेश के हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाया जाना चाहिए।

बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी कहा था कि चिन्मय कृष्ण दास को अन्यायपूर्ण ढंग से गिरफ्तार किया गया है। इस्कॉन कोलकाता ने जोर देकर कहा कि न्याय के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आवाज उठानी चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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