सीटू ने किया कामगार बोर्ड के अध्यक्ष व सचिव का घेराव

शिमला, 20 जनवरी (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश भवन सड़क एवं अन्य निर्माण मजदूर यूनियन ने शिमला में कामगार बोर्ड के अध्यक्ष और सचिव का घेराव करते हुए लंबित वित्तीय सहायता जारी करने की मांग उठाई। यूनियन ने चेतावनी दी कि अगर 31 मार्च से पहले मजदूरों की सहायता राशि जारी नहीं की गई, तो प्रदेश में बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

सोमवार को शिमला के परिमहल में कामगार बोर्ड के साथ मजदूर यूनियन की बैठक आयोजित की गई। बैठक से पहले यूनियन ने सीटू के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया और कामगार बोर्ड के अध्यक्ष व सचिव को घेर लिया। मजदूरों ने सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों से करीब एक लाख कामगारों की 500 करोड़ रुपये की सहायता राशि बोर्ड के पास लंबित है।

यूनियन के राज्य महासचिव भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पिछले दो सालों से कामगारों की वित्तीय सहायता को रोक रखा है। इस राशि में मजदूरों के बच्चों की छात्रवृत्ति, शादी के लिए सहायता, बीमारी और मृत्यु पर दी जाने वाली सहायता राशि शामिल है। उन्होंने कहा कि यह राशि सरकार के पास जमा है लेकिन मजदूरों तक नहीं पहुंच रही है।

भूपेंद्र सिंह ने कहा कि यूनियन ने कई बार सरकार और कामगार बोर्ड को इस मुद्दे पर अवगत करवाया है। मजदूरों की सहायता राशि जारी करने के लिए ज्ञापन भी सौंपे गए हैं, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि अगर 31 मार्च तक मजदूरों की सहायता राशि जारी नहीं की गई, तो विधानसभा का घेराव किया जाएगा और प्रदेश में बड़े आंदोलन का बिगुल फूंका जाएगा।

यूनियन ने आरोप लगाया कि वित्तीय सहायता बंद होने से मजदूरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों की शिक्षा, शादी और गंभीर बीमारियों के इलाज में कामगार आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। वहीं, मृत्यु के मामलों में भी परिवार को राहत नहीं मिल पा रही है।

यूनियन ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द मजदूरों की लंबित राशि जारी की जाए। उन्होंने कहा कि मजदूरों की यह मेहनत की कमाई है जिसे सरकार ने रोक रखा है। उन्होंने चेताया कि अगर जल्द ही यह राशि जारी नहीं हुई तो मजबूरन मजदूर उग्र आंदोलन करेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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