क्लीन अप मार्शल की सेवा समाप्त

मुंबई, 27 मार्च (हि.सं.)। मुंबई को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए निजी संस्थाओं के माध्यम से नियुक्त किए गए क्लीनअप मार्शल की सेवा अब समाप्त कर दी गई है। जबरन वसूली और असंतोषजनक सेवा की मिल रही लगातार शिकायतों के बाद मुंबई महानगरपालिका ने इस योजना को आगामी 5 अप्रैल से बंद करने का निर्णय लिया है। जबरन वसूली व मारपीट के आरोपों के बीच यह चौथी बार है, जब इस योजना को समाप्त किया गया है। 'स्वच्छ मुंबई मिशन' के लिए मनपा अब नई वैकल्पिक व्यवस्था करेगी।

मनपा आयुक्त भूषण गगरानी ने ठेके पर लिए गए मार्शलों की संस्थाओं की सेवाएं समाप्त करने का निर्देश दिया है. अपील की गई है कि यदि 4 अप्रैल के बाद क्लीन अप मार्शल जुर्माना वसूलते पाए जाएं तो संबंधित वार्ड कार्यालय में शिकायत की जाए। मुंबई के सभी 24 प्रशासनिक वार्डों में 12 संस्थाओं से मार्शल ठेके पर लिए गए थे। पाया गया कि जुर्माना वसूलते समय मार्शल सेवा शर्तों और नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। सभी वार्डो से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद मनपा के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट ने संस्थाओं का अनुबंध रद्द करने का प्रस्ताव मनपा आयुक्त को भेजा था, जिसे मंजूरी मिल गई है।

मुंबई में गंदगी फैलाने वालों पर अंकुश लगाने के लिए 720 मार्शलों को नियुक्त किया गया था। हर वार्ड में 30 मार्शल तैनात किए गए थे। थूकना, गंदगी फैलाना, सड़क पर नहाना, लघुशंका जैसे अपराध के लिए ये मार्शल 100 रुपए से लेकर 1000 रुपए का दंड वसूलते थे। वसूले गए जुर्माने का 50 प्रतिशत हिस्सा मार्शल सप्लाई करने वाली संस्था को और 50 फीसदी हिस्सा मनपा को मिलता था। अब तक के 11 महीनों में मार्शलों ने 4 करोड़ 93 लाख 73 हजार 712 रुपये का जुर्माना वसूला था।

पहली बार वर्ष 2007 में क्लीन अप मार्शल योजना शुरू की गई थी। बड़े पैमाने पर मारपीट व जबरन वसूली की शिकायतें मिलने के बाद वर्ष 2011 में इसे बंद कर दिया गया था. इसके बाद वर्ष 2016 में शुरू कई गई योजना को साल 2018 में संस्थाओं का अनुबंध रद्द कर दिया गया था। कोरोना काल में एक बार फिर क्लीन अप मार्शल की नियुक्ति की गई थी. लेकिन कोरोना खत्म होने के बाद मार्शल की सेवा बंद कर दी गई थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार

   

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