मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने पर कांग्रेस ने कहा- 20 माह पुरानी मांग पूरी हुई

नई दिल्ली, 13 फ़रवरी (हि.स.)। कांग्रेस ने पूर्वोत्तर के हिंसा ग्रस्त मणिपुर राज्य में गुरुवार को राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ा है। पार्टी वहां पर करीब 20 महीने से जारी जातीय हिंसा नहीं थमने पर केंद्र सरकार से राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही थी।

कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने आज शाम यहां जारी एक बयान में कहा कि आखिरकार वही हुआ, जिसकी मांग अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पिछले 20 महीनों से कर रही थी और अंततः आज मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह तब हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट ने 'राज्य में संवैधानिक तंत्र के पूरी तरह से ध्वस्त हो जाने' की बात कही थी, जिसमें 03 मई 2023 से अब तक 300 से ज़्यादा लोगों की हत्या और 60,000 से ज़्यादा पुरुषों, महिलाओं और बच्चों का विस्थापन हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह तब हुआ है, जब मणिपुर के समाज के ताने-बाने को पूरी तरह से नष्ट नहीं तो गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त होने दिया गया है।

जयराम रमेश ने कहा कि यह तब हुआ है जब फरवरी 2022 में भाजपा और उसके सहयोगियों को भारी बहुमत मिला लेकिन उनकी राजनीति के कारण पंद्रह महीने बाद ही यह भयानक त्रासदी हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री मणिपुर को संभालने में स्पष्ट रूप से विफल रहे हैं, जिसे प्रधानमंत्री ने उन्हें सौंपा था।

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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव

   

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