राजस्थान विधानसभा उपचुनाव : शनिवार सुबह आठ बजे से होगी उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती

जयपुर, 22 नवंबर (हि.स.)। राजस्थान की सात सीटों पर हुए उपचुनाव का रिजल्ट शनिवार, 23 नवंबर को महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव के साथ ही आएगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पहले डाक मतपत्रों की गिनती शुरू होगी। इसके बाद ईवीएम के मतों को गिना जाएगा। मतगणना सुबह आठ बजे से शुरू हो जाएगी, वहीं नौ बजे से रूझान आने शुरू हो जाएंगे।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि राज्य के सात विधानसभा क्षेत्रों झुंझुनू, रामगढ़, दौसा, देवली-उनियारा,

खींवसर, सलूम्बर और चौरासी के उपचुनाव का परिणाम 23 नवम्बर को घोषित होगा।

प्रदेश के सात जिला मुख्यालयों झुंझुनू, अलवर, दौसा, टोंक, नागौर, उदयपुर व

डूंगरपुर पर शनिवार सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी। मतगणना के संबंध में

सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसके लिए पर्याप्त संख्या में मतगणना

कार्मिकों को प्रशिक्षित किया गया है। 23 नवम्बर को सुबह आठ बजे सबसे पहले पोस्टल बैलेट के

माध्यम से डाले गए मतों की गणना शुरू होगी। सात विधानसभा क्षेत्रों में सेवा नियोजित

मतदाताओं के लिए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार इलेक्ट्रॉनिकली

ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट मैनेजमेंट सिस्टम (इटीपीबीएमएस) के जरिए कुल

5,465 मतपत्र जारी किए गए हैं। 85 वर्ष से

अधिक आयु के वरिष्ठजन और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले विशेष योग्यजन

श्रेणियों के कुल 3,127 मतदाताओं ने होम वोटिंग सुविधा के जरिए मताधिकार

का उपयोग किया है।

ईवीएम मशीनों से मतों की गणना सुबह 8.30 बजे से शुरू

की जाएगी। इसके लिए 98 टेबल स्थापित की गई हैं। सभी सात विधानसभा निर्वाचन

क्षेत्रों के लिए कुल 141 राउंड में ईवीएम मशीनों से मतों की मतगणना होगी।

मतदाताओं की संख्या के आधार पर 18 से 22 राउंड में मतों की गिनती होगी।

झुंझुनू और सलूम्बर विधानसभा क्षेत्रों के ईवीएम मतों की गिनती 22-22 राउंड

में, रामगढ़ की 21 राउंड में, देवली-उनियारा और खींवसर विधानसभा क्षेत्रों

की गिनती 20-20 राउंड में, दौसा एवं चौरासी के ईवीएम मतों की गिनती 18-18

राउंड में पूरी होगी।

राजस्थान में दौसा, झुंझुनूं, चौरासी, रामगढ़, सलूंबर, देवली उनियारा और खींवसर सीट पर 13 नवंबर को मतदान हुआ था। सबसे ज्यादा मतदान खींवसर सीट पर हुआ था, दौसा में सबसे कम मतदान हुआ था। राजस्थान में चार सीटों पर त्रिकोणीय और तीन पर बीजेपी तथा कांग्रेस में सीधा मुकाबला है। इन सात सीटों में से चार कांग्रेस के पास थी, वहीं एक-एक सीट बीजेपी, आरएलपी और बीएपी के पास थी। दौसा विधानसभा सीट पर मंत्री किरोड़ी लाल और कांग्रेस नेता सचिन पायलट की साख दांव पर लगी हुई है। यहां भाजपा के जगमोहन मीणा जीतें या कांग्रेस के दीनदयाल बैरवा, पहली बार विधायक बनकर विधानसभा में पहुंचेंगे। माना जा रहा है कि इस सीट पर दोनों पार्टियों के बीच कांटे का मुकाबला है। झुंझुनूं में भाजपा के राजेन्द्र भाम्बू जीतें या कांग्रेस के अमित ओला, पहली बार विधायक बनकर विधानसभा के सदस्य बनेंगे। यहां से ओला परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। यहां से अमित ओला के पिता बृजेन्द्र ओला व दादा शीशराम ओला मंत्री व विधायक रह चुके। भाम्बू का भी यह तीसरा विधानसभा चुनाव है। वहीं राजेन्द्र गुढ़ा ने भी मजबूती से चुनाव लड़ा है, इसलिए उन पर भी सबकी निगाह टिकी हुई हैं। सलूम्बर में भाजपा ने शांता देवी को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने रेशमा मीणा को टिकट दिया है, जबकि भारतीय आदिवासी पार्टी ने जितेश पर भरोसा किया है। यहां भी तीनों में से कोई भी जीते, विधानसभा में पहली बार जाएंगे। इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है।

देवली-उनियारा से भाजपा के राजेन्द्र गुर्जर, कांग्रेस से केसी मीणा और निर्दलीय नरेश मीणा मैदान के बीच मुकाबला है। यहां भी निर्दलीय के वोट हार-जीत के समीकरण तय करेंगे। यहां भी केवल बीजेपी प्रत्याशी ही एक बार विधायक रह चुके हैं, ऐसे में इनके अलावा कोई जीतता है तो पहली बार ही विधानसभा जाएंगे। चुनाव के दौरान यहां विवाद व लाठीचार्ज, आगजनी व तोडफोड़ की घटना हो चुकी। इसलिए इस हॉट सीट पर सबकी नजरे टिकी हुई हैं। रामगढ़ से भारतीय जनता पार्टी ने पिछली बार के बागी सुखवंत सिंह पर भरोसा जताया है जबकि उनका मुकाबला कांग्रेस के आर्यन जुबेर खान से है। यहां आमने सामने का मुकाबला है। जो भी जीतेगा वह पहली बार विधानसभा में पहुंचेगा। इस सीट पर जुबैर खान के निधन के बाद सहानुभूति की लहर भी है। आदिवासी बाहुल्य वाले चौरासी से भाजपा ने कारीलाल ननोमा को, कांग्रेस ने युवा सरपंच महेश रोत को और भारतीय आदिवासी पार्टी ने यहां से अनिल कटारा को प्रत्याशी बनाया है। यहां से सांसद राजकुमार रोत की प्रतिष्ठा दांव पर है। भाजपा व कांग्रेस के लिए भी यह सीट महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यहां भी जो भी जीतेगा वह पहली बार विधानसभा में पहुंचेगा। खींवसर से भाजपा के रेवतराम डागा, आरएलपी की कनिका बेनीवाल व कांग्रेस के रतन चौधरी के बीच मुकाबला है। तीनों में कोई भी जीतेए पहली बार विधानसभा में पहुंचेंगे। यह सीट हनुमान बेनीवाल की परम्परागत सीट रही है। आरएलपी के लिए प्रतिष्ठा की सीट भी है। यहां से बेनीवाल की पत्नी मैदान में है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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