योगी सरकार के 'दस के दम' अभियान से अपराधियों की टूटी कमर, ऑपरेशन त्रिनेत्र बना काल

जीरो टॉलरेंस नीति ने प्रदेश में अपराधों में आई भारी कमी, सैकड़ों अपराधी पहुंचे यमलोक

लखनऊ, 10 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति ने पिछले आठ वर्षों में अपराधियों की कमर तोड़ कर रख दी है। इस दौरान एक लाख से अधिक अपराधियों को जेल और मुठभेड़ में 227 को यमलोक भेजा जा चुका है। योगी सरकार के निर्देश पर मिशन शक्ति फेज-5 के तहत प्रदेशभर में ‘दस का दम’ नामक विशेष ऑपरेशन चलाए गए। इसमें ऑपरेशन गरुड़, ईगल, मजनू, रक्षा, बचपन, खोज, शील्ड, डेस्ट्राय, नशा मुक्ति और त्रिनेत्र आदि शामिल हैं। इन ऑपरेशन के जरिये यूपी पुलिस ने महिलाओं, बेटियों, बच्चों, युवाओं और समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित की है। वहीं ऑपरेशन त्रिनेत्र ने जघन्य अपराधों का खुलासा कर अपराधियों को सलाखों के पीछे धकेला है।

डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि सीएम योगी की मंशानुसार मिशन शक्ति फेज-5 के तहत यूपी पुलिस ने प्रदेश भर में दस ऑपरेशन चलाए। यूपी पुलिस का यह अभियान अपराधियों के लिए काल बन गया है। योगी सरकार का ‘दस का दम’ ऑपरेशन ने प्रदेश को अपराध से मुक्त करने की संकल्पना है, जिसे ज़मीन पर सफलतापूर्वक उतारा गया है। इन ऑपरेशन के जरिए एक लाख से अधिक लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।

ऑपरेशन त्रिनेत्र रहा अहम

डीजीपी ने बताया कि ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत प्रदेश भर में संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया गया। इसके बाद प्रदेशभर में 11 लाख 7 हजार 782 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। ये सीसीटीवी थानों से जोड़े गए, ताकि कैमरा कंट्रोल रूम्स से घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। इसी का नतीजा है कि डकैती, लूट समेत कुल 5,718 जघन्य अपराधों का सफल खुलासा किया गया। महिलाओं और बच्चियों से जुड़े साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए ऑपरेशन गरुड़ चलाया गया। अभियान के तहत 2,597 प्राथमिकी पत्रों की जांच की गई, जिनमें से 2,407 का निस्तारण किया गया। वहीं पूर्व में पंजीकृत 1,179 अभियोग में से 449 का निस्तारण किया गया और 498 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। साथ ही 405 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए।

उन्होंने बताया कि स्कूल-कॉलेजों के आसपास बच्चों और महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों सौहदों के खिलाफ ऑपरेशन मजनू चलाया गया। इस अभियान में 7,554 स्थानों को चिह्नित किया गया और 58,624 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। वहीं ऑपरेशन ईगल के तहत महिलाओं से संबंधित अपराधों में जेल से बाहर आए 7,963 अपराधियों में से गिरफ्तार-हाजिर अदालत 5,166 को चिन्हित किया गया। इस दौरान 2,683 अभियुक्त गिरफ्तार-हाजिर अदालत हुए। वहीं 4,294 के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई। ऑपरेशन रक्षा के तहत स्पा सेंटर, मसाज पार्लर में छिपे मानव तस्करी के मामलों में 56 महिलाओं/बालिकाओं को रेस्क्यू कर 49 का पुनर्वास कराया गया।

डीजीपी ने बताया कि प्रदेश में बल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति समेत बच्चे के अधिकारों के लिए ऑपरेशन बचपन और खोज चलाया गया। इसमें ऑपरेशन बचपन के तहत बाल श्रम व बाल भिक्षावृत्ति के मामलों में 2,860 बच्चों को बचाया गया। वहीं 1,207 केसों में कार्यवाही हुई। इसी तरह ऑपरेशन खोज के तहत रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, आश्रयगृहों से 3,327 गुमशुदा बच्चों को पुनर्वासित किया गया। ऑपरेशन शील्ड के तहत 29,773 एसिड की दुकानों को चेक किया। वहीं 725 के खिलाफ कार्रवाई की गयी। ऑपरेशन डेस्ट्राय के तहत अश्लील साहित्य व सीडी के 748 मामले अभियोग दर्ज हुए। ऑपरेशन नशा मुक्ति के तहत नशे के विरुद्ध 4,750 हॉट स्पॉट चिन्हित कर 2,752 अभियोग पंजीकृत किए गए और 33,391 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / मोहित वर्मा

   

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