डीसी कठुआ ने स्वास्थ्य और आईसीडीएस क्षेत्र का मूल्यांकन किया

कठुआ 26 दिसंबर (हि.स.)। डीसी कठुआ डॉ. राकेश मिन्हास ने जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के परिदृश्य की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस शौकत महमूद, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय रैना, जिला क्षय रोग अधिकारी कठुआ डॉ. राधाकृष्णन, बीएमओ के अलावा संबंधित अधिकारी और स्वास्थ्य एवं पोषण विभाग के अधिकारी शामिल हुए।

पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जिले की स्वास्थ्य सेवा प्रोफाइल को समझाते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि जीएमसी कठुआ के प्रमुख संस्थान के अलावा जिले में 5 सीएचसी, 24 पीएचसी और 153 उप-केंद्र सहित कुल 252 स्वास्थ्य संस्थान काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य इन्फ्रा की उपलब्धता, स्वास्थ्य देखभाल उपलब्धियां, रोगी देखभाल, एफडब्ल्यू और टीकाकरण और अन्य संबंधित मुद्दों जैसे विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। डीसी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के बारे में भी फीडबैक लिया, जिसमें आरबीएसके, वीएचएनडी के अलावा एबी-पीएमजेएवाई की संतृप्ति शामिल है। डीसी ने जनता की सुविधा के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में स्वास्थ्य सेवाओं के कुशल वितरण पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। उन्होंने एबीएचए पंजीकरण के साथ-साथ एबी-पीएमजेएवाई लाभार्थियों की 100 प्रतिशत संतृप्ति का भी आह्वान किया।

जिले में कम संस्थागत प्रसव पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए डीसी ने संबंधितों से मातृ एवं शिशु देखभाल सुविधाओं में सुधार के लिए हस्तक्षेप और अंतर-विभागीय समन्वय के लिए एक तंत्र तैयार करने को कहा। उन्होंने घरेलू प्रसव के प्रचलन के पीछे के कारणों की जांच करने और संस्थागत प्रसव को बढ़ाने का आह्वान किया। अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों पर जांच पर चर्चा करते हुए डीसी ने संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि जिले में कोई भी अवैध प्रथा प्रचलित न हो। रोगी उच्च रक्तचाप और टीबी स्क्रीनिंग फॉर्म के मुद्दे पर, डीसी ने इसमें शामिल कर्मचारियों के उचित प्रशिक्षण के लिए कहा और व्यापक डेटाबेस बनाने के लिए फॉर्म में व्यक्तियों के धूम्रपान इतिहास के साथ-साथ व्यवसाय क्षेत्र को जोड़ने का सुझाव दिया। डीसी ने स्क्रीनिंग में तेजी लाने और 2 महीने के भीतर प्रक्रिया पूरी करने का भी आह्वान किया। एसएएम और एमएएम बच्चों की स्थिति की समीक्षा करते हुए, डीसी ने उनके पोषण में सुधार करके और अन्य आवश्यक सहायता प्रदान करके मामलों को सामने लाने का आह्वान किया। डीसी ने मासिक आधार पर आईसीडीएस विभाग के साथ आरसीएच और एचएमआईएस डेटा साझा करने का भी आह्वान किया, जिससे गर्भवती महिलाओं प्रसव की ट्रैकिंग आसान हो जाएगी। डीसी ने बीएमओ से घरेलू प्रसव के पीछे के कारणों की जांच करने और जानने के अलावा सीएचसी में सर्जरी दर बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया ताकि अधिकतम लोगों की मदद हो सके।

बैठक में परिवार नियोजन की स्थिति, टीकाकरण की स्थिति, 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष्मान वय वंदना योजना, एनएचएम की वित्तीय प्रगति, एनटीईपी और वयस्क बीसीजी टीकाकरण पर भी चर्चा की गई। बैठक में यह भी बताया गया कि आंगनवाड़ी केंद्रों पर आने वाले बच्चों और महिलाओं को दवा (आयरन की गोलियां) का वितरण ग्राम स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के कर्मचारियों की उपस्थिति में किया जाना चाहिए। डीसी ने कहा कि सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी के साथ अभिसरण में किए जाने पर ये कार्यक्रम अधिकतम लोगों को लाभान्वित करेंगे। डीसी ने स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रमों के लाभों को अधिकतम करने के लिए सभी हितधारकों के अभिसरण और सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक इस संकल्प के साथ समाप्त हुई कि सभी स्वास्थ्य इकाइयां आम जनता के कल्याण के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के वितरण में गुणात्मक परिवर्तन लाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया

   

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