डालसा ने किया एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

दुमका, 1 मार्च (हि.स.)। जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से जिला स्तरीय मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शनिवार को हुआ।

कार्यशाला प्रधान जज सह प्राधिकार अध्यक्ष संजय कुमार चन्द्धरियावी के निर्देश पर न्याय सदन में आयोजित हुई। कार्यशाला का उदघाटन डीजे-वन रमेश चंद्र, डीजे-टू प्रकाश झा, डीजे-फोर धर्मेंद्र कुमार सिंह, डीजे-फाईव शत्रुंजय कुमार सिंह, सीजेएम अनूप तिर्की, प्राधिकार सचिव उत्तम सागर राणा, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष निशिकांत प्रसाद एवं मुख्यालय डीएसपी इककुट डुंगडुंग ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

इस अवसर पर व्यवहार न्यायालय के सभी न्यायिक दंडाधिकारी भी उपस्थित थे।

कार्यशाला में मोटर दुर्घटना में पीड़ित परिवार को ससमय और उचित मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया के प्रावधान और सरलीकरण पर चर्चा हुई। इस अवसर पर ज़िला डीजे-टू प्रकाश झा ने मोटर दुर्घटना कानूनों में वर्ष 2022 में हुए बदलाव को उल्लेख करते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना में 30 दिनों के अंदर पुलिस को दुर्घटना से संबंधित कागजात न्यायालय में प्रस्तुत करना है। ऐसा नहीं होने पर कोर्ट को सूचित करना आवश्यक है। उन्होंने युवा थाना प्रभारियों से बेहतर करने की अपेक्षा करते हुए कहा कि पुराने लोगों से बेहतर आप कर सकते है।

उन्होंने कहा कि हर थाना प्रभारी और पुलिस पदाधिकारी का कर्त्तव्य और कानूनी बाध्यता है। ऐसा नहीं करने पर कानूनी प्रतिबंध्यता और कानूनी घेरे में आ सकते है।

डीजे-वन रमेश चंद्र ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि दुर्घटनाग्रस्त वाहनों के कागजातों की डीटीओ से जांच कराना अनिवार्य है। पुलिस पदाधिकारियों के कर्त्तव्यों को बताते हुए कहा कि दुर्घटना के बाद इंशोंरेंस कंपनी को जानकारी देना है और इंशोरेंस कंपनी को ससमय रिपोर्ट सौंपना और वैद्य स्वीकृति देना कार्य है। मुआवजा राशि पीड़ित को दिलाने में विलंब होने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कई ऐसे भी मामले सामने आये है,जो वर्षो से लंबित है। इसमें केस की वर्तमान स्थिति से गांव के ग्रामीण अवगत नहीं हैं। मुआवजा राशि देने के उद्देश्यों से अवगत कराते हुए कहा कि मुआवजा राशि भुगतान का मुख्य उद्देश्य पीड़ित परिवार को रोजगार और जीवनयापन के लिए सहायता राशि मुहैया कराना है।

उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि संकल्प लेकर यहां से जाने की जरूरत है कि पीड़ित परिवार को सही मुआवजा दिलाना सुनिश्चित करें। जो बिना इंशोरेंस कंपनी और पुलिस पदाधिकारी के सहयोग का संभव नहीं हैं। अन्य न्यायिक पदाधिकारी ने भी मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए अपने विचार व्यक्त किया। मुख्यालय डीएसपी इककुड़ डुंगडुंग ने मुआवजा दिलाने में पुलिस पदाधिकारियों को महत्ती भूमिका और कर्त्तव्यों को बता थानाध्यक्षों को अपनी भूमिका कर्त्तव्यनिष्ठा से निभाने का अपील किया। कार्यशाला का नेतृत्व प्राधिकार सचिव उत्तम सागर राणा एवं संचालन एलएडीसी, अंकित कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर चीफ़ एलएडीसी, सिकंदर मंडल, डिप्टी चीफ, सरोज कुमार गोन, सहायक रोबिन कुमार भी उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / नीरज कुमार

   

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