खादिमों को लाइसेंस के मामले में दरगाह कमेटी लेगी विधिक राय

अजमेर, 28 नवम्बर(हि.स.)। अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के तकरीबन 5 हजार खादिमों को लाइसेंस जारी करने के मामले में दरगाह कमेटी अब विधिक राय लेकर ही आगे कदम उठाएगी। लाइसेंस के मामले में अब तक दरगाह कमेटी की ओर से तीन बार बैठक आयोजित कर खादिमों को आमंत्रित किए जाने के बाद भी कोई नहीं आने पर दरगाह कमेटी के नाजिम बिलाल खान ने यह निर्णय किया है। दरगाह में ख्वाजा साहब का 6 दिवसीय सालाना उर्स चांद दिखने पर 20 दिसंबर से शुरू होगा। इससे पहले 15 दिसंबर को ऐतिहासिक बुलंद दरवाजे पर उर्स का झंडा चढ़ेगा।

केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली दरगाह कमेटी के नाजिम बिलाल खान का प्रयास है कि उर्स शुरू होने से पहले दरगाह के पांच हजार खादिमों को लाइसेंस दे दिए जाए। ताकि उर्स में दरगाह के अंदर जायरीन के लिए अच्छे इंतजाम हो सके। खादिम दरगाह के अंदर अपना पहचान पत्र लेकर आए इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे रखे हैं। खादिमों को पहचान पत्र (लाइसेंस) देने के लिए अजमेर की जिला अदालत में मामला भी लंबित है। चूंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश है, इसलिए दरगाह कमेटी के नाजिम बिलाल खान अपनी ओर से कोई कोताही बरतना नहीं चाहते, लेकिन वहीं खादिमों ने स्पष्ट कर दिया है कि ख्वाजा उर्स से पहले खादिम समुदाय पहचान पत्र लेने का कोई काम नहीं करेगा।

दरगाह कमेटी की ओर से एक दिन पूर्व बुलाई गई तीसरी बैठक में भी शाम तक इंतजार के बाद खादिमों की दोनों प्रतिनिधि संस्थाओं में से कोई उपस्थित नहीं हुआ। जबकि इस बैठक के बारे में खादिमों की दोनों प्रतिनिधि संस्था अंजुमन शेखजादगान और सैयद जादगान के पदाधिकारियों को सूचित कर दिया गया था। पिछली बैठक में अंजुमन सैयद जादगान के अध्यक्ष गुलाम किबरिया ने नाजिम को पत्र देकर सूचित किया था कि अंजुमन के सचिव सरवर चिश्ती विदेश दौरे पर हैं। इसलिए बैठक में भाग नहीं लिया जा सकता। किबरिया के इस पत्र के आधार पर ही दरगाह कमेटी ने 27 नवंबर को अगली बैठक निर्धारित की, लेकिन 27 नवंबर की बैठक में आने के बजाए खादिम समुदाय ने मोइनिया हॉल में अलग से बैठक की। इस बैठक में अंजुमन के अध्यक्ष गुलाम किबरिया, उपाध्यक्ष सैयद कलिमुददीन चिश्ती, सैयद हसन हाशमी, असलम हुसैन, मुनव्वर चिश्ती, गफ्तार हुसैन, एहतेशाम अहमद चिश्ती, अंजुमन शेखजादगान के सचिव शेख इजहार चिश्ती आदि ने आरोप लगाया कि दरगाह कमेटी उर्स से पहले माहौल खराब करना चाहती है, इसलिए खादिमों को लाइसेंस देने, दरगाह के अंदर कथित अतिक्रमण हटाने जैसे मुद्दों पर उठाया जा रहा है। जबकि खादिम समुदाय तो जिला प्रशासन और दरगाह कमेटी के साथ मिलकर उर्स में आने वाले जायरीन की सुविधा के लिए काम करना चाहता है। उन्होंने कहा कि दरगाह कमेटी की पहली प्राथमिकता ख्वाजा साहब के सालाना उर्स की शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने की होनी चाहिए।

दरगाह कमेटी के नाजिम बिलाल खान और सहायक नाजिम डॉ. मोहम्मद आदिल का कहना है कि कमेटी जो भी कार्य कर रही है, वह न्यायिक आदेशों के तहत है। चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने दरगाह कमेटी को आदेश दिए हैं, इसलिए कमेटी दरगाह खादिमों को पहचान पत्र देने की प्रक्रिया कर रही है। दरगाह के अंदर खादिमों ने जो अलमारियां आदि सामान रखा हुआ है उसे भी हटाने के निर्देश हैं। नाजिम ने कहा कि कमेटी की पहली प्राथमिकता उर्स में आने वाले जायरीन को सहूलियत देना है। तीनों बैठक में अंजुमन के प्रतिनिधियों के न आने पर नाजिम ने कहा कि अब इस संबंध में विधिक राय लेकर ही आगे कदम बढ़ाएंगे। तीनों बैठक में दरगाह कमेटी के एडवोकेट अशोक माथुर भी उपस्थित रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष

   

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