ध्यान सत्र में सीखी ध्यान की विधियां, लोहड़ी महोत्सव में नाच-गाकर जमाया
रंग : स्वामी संजय
हिसार, 12 जनवरी (हि.स.)। ओशो ध्यान उपवन में आयोजित किए गए ध्यान सत्र में
विभिन्न क्षेत्रों से साधकों ने हिस्सा लिया। इस दौरान ध्यान का महत्व समझाते हुए ध्यान
की सरल विधियों का अभ्यास करवाया गया। मां सांची ने ध्यान के विविध आयाम बताए और ध्यान
साधना को दिनचर्या में ढालने का आह्वान किया। इस दौरान साधकों को सतगुरु ओशो के संचित
प्रवचन सुनने का भी अवसर मिला।
सिरसा रोड स्थित ओशो ध्यान उपवन में ध्यान सत्र के उपरांत रविवार को लोहड़ी
महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। ध्यान सत्र व लोहड़ी महोत्सव के आयोजक स्वामी संजय ने
बताया कि ध्यान सत्र में उपस्थित साधकों ने नाचते-गाते हुए एक-दूसरे को लोहड़ी की शुभकामनाएं
दी। अग्नि प्रज्वलित करके सभी साधकों में मूंगफली, रेवड़ी गज्जक व लोहड़ी के पकवान
वितरित किए गए। स्वामी संजय ने लोहड़ी, राष्ट्रीय युवा दिवस व मकर संक्रांति की बधाई
देते हुए कहा कि विभिन्न त्योहार व उत्सव इंसान में नव ऊर्जा का संचार कर देते हैं
लेकिन असली ऊर्जा भीतरी होती है। जब इंसान एकाग्र होकर ध्यान करते हुए अपने भीतर गहराई
में उतरता है तो उसे असीमित ऊर्जा व आनंद की अनुभूति होती है। जो इंसान इस अनुभूति
से रूबरू हो जाता है, उसके जीवन में अनूठा बदलाव आ जाता है और उसका जीवन उल्लास से
भर जाता है।
स्वामी संजय ने लोहड़ी महोत्सव के दौरान बताया कि ओशो ध्यान उपवन में जीवन
से महाजीवन विषय पर 18 व 19 जनवरी को दो दिवसीय ध्यान शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस
शिविर की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। दरअसल 19 जनवरी को सतगुरु ओशो का महापरिनिर्वाण
दिवस होता है और इसे बड़े धूमधाम से 19 जनवरी को मनाया जाएगा। इस ध्यान शिविर में हिसार
व अन्य क्षेत्रों से काफी संख्या में श्रद्धालु उमड़ेंगे। हिसार से बाहर से आने वाले
साधकों के आवास व भोजन की समुचित व्यवस्था ओशो ध्यान उपवन में रहेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर