व्यक्तिगत स्वतंत्रता और धर्मों की आजादी विषय पर चर्चा गोष्ठी आयोजित
- Admin Admin
- Nov 10, 2024
भागलपुर, 10 नवंबर (हि.स.)। भागलपुर के कला केंद्र में रविवार को मानवाधिकार संगठन पी यू सी एल
द्वारा व्यक्तिगत स्वतंत्रता और धर्मों की आजादी विषय पर चर्चा गोष्ठी आयोजित हुई।
जिसकी अध्यक्षता डॉ मनोज कुमार ने और संचालन उदय ने की। विषय प्रवेश कराते हुए उदय
ने कहा कि हमें संविधान ने मानवाधिकार का हक दिया है। वहीं दूसरी ओर मानवाधिकार का
सबसे बड़ा हनन कर्ता खुद राज्य सत्ता है। मानवाधिकारहनन कर्ता कई प्रकार के हैं। कई प्रकार के
सामाजिक और धार्मिक परम्परायें भी मानवाधिकार का हनन करते हैं। जैसे लड़का लड़की में
भेदभाव, जाति भेद, छूआ छूत आदि। उसी प्रकार सामुदायिक अधिकारों का भी हनन होता है।
शाहिद कमाल ने कहा कि एक धर्म को मानने वाले अपने धार्मिक मान्यताओं को सही और
दूसरे की मान्यताओं को गलत मानते हैं। यह भी मानवाधिकार का हनन है। समाज में कई
प्रकार की पंचायतों के चलन ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन होता है। अवधेश ने कहा
कि कमजोर, महिला, दलित, आदिवासी समुदायों के लिए मानवाधिकार के रक्षा की अधिक
जरूरत हो गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने कई बार कहा है कि बेल ब्यवस्था है और जेल
अपवाद, इसके बाद भी बिना चार्जशीट के वर्षो से सैकड़ों लोग जेल में बंद हैं। उन्हें
बेल नहीं मिला रहा। यूनाइटेड नेशन ने मानवाधिकार की अपनी प्रस्तावना में
गरिमापूर्ण जीवन की बात की है। व्यक्तिगत स्वतंत्रता वो सारी परिस्थितियाँ हैं
जिससे व्यक्ति का विकास होता है। किसन कालजयी ने कहा कि हमने आजादी के बाद धर्म की
उपेक्षा की उसे सामाजिक संवाद से बाहर कर दिया जिसका नतीजा यह हुआ कि धर्म की
ब्याख्या कट्टरपंथियों के हाथ चली गयी। इसलिए धर्म की निरपेक्ष व्याख्या जरुरी है।
एनुल होदा ने कहा कि आज देश में मानवाधिकार का घोर हनन हो रहा है। मनोज मीता ने
कहा कि आज कोई भी स्वतंत्रता बची नहीं है, सब सत्ता के हाथों केंद्रित व संचालित
है। अध्यक्षता करते हुए डॉ मनोज ने कहा कि आज मानवाधिकार के लिए काम करने के लिए
कई संगठनों की जरूरत है। आज सबसे बड़ी परेशानी यह है कि सत्ता धर्म का इस्तेमाल कर
रहा है। यह इस्तेमाल आम लोगों को हिंसक बना रहा है। एकराम हुसैन साद ने कहा कि
पितृ सत्ता और सामाजिक सत्ता ने समाज में सबसे अधिक मानवाधिकार का हनन किया है।
इसलिए बराबरी का समाज के लिए प्रयास होनी चाहिए।
इस अवसर पर पीयूसीएल भागलपुर की
तदर्थ समिति का गठन किया गया। अध्यक्ष डॉ मनोज को, उपाध्यक्ष अमरीना सेराज और
यास्मीन बानो एवं महासचिव किसन कालजयी को चुना गया। धन्यवाद ज्ञापन गौतम कुमार ने
किया।
हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर