आधुनिकता की होड़ में आध्यात्मिक ज्ञान से दूरी असमय बीमारियों का कारण : सतीश राय

--सूर्य से सीधे प्राप्त हो सकती है भोजन की एनर्जी : सतीश राय

प्रयागराज, 22 अक्टूबर (हि.स.)। एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान में मंत्रो पर शोध चल रहा है। मंत्रो में अपार शक्तियां हैं। संस्था को इसमें आंशिक सफलता भी मिली है। लेकिन धनाभाव की कमी के चलते रिसर्च पूर्ण होने में समय लग सकता है। आने वाले समय में आधुनिक विज्ञान भी इसे स्वीकार करने लगेगा। वर्तमान में आधुनिक दिखाने की होड़ में आध्यात्मिक ज्ञान से दूरी भी शरीर में असमय बीमारियों का कारण बन रहा है।

उक्त विचार मंगलवार को एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान प्रयागराज रेकी सेंटर पर जाने-माने स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा आज तक जितना धन आधुनिक चिकित्सा के रिसर्च पर खर्च हुआ है, उसका आधा खर्च भी यदि भारतीय उपचार पद्धतियों पर हुआ होता तो जिस प्रकार पेड़ पौधे अपना भोजन सूर्य से सीधे प्राप्त करते हैं, उसी प्रकार इंसान भी भोजन की एनर्जी सीधे सूर्य से प्राप्त करता। शास्त्र के अनुसार पहले मनुष्यों की आयु सहस्त्र वर्ष थी जो घटकर औसत 100 वर्ष रह गई है।

सतीश राय ने कहा कि सर्दी जुकाम गले में खराश के बढ़ते प्रकोप ने लोगों को परेशान कर रखा है। बदलते मौसम के तापमान में परिवर्तन के कारण शरीर की इम्युनिटी कमजोर पड़ती है। उसी समय बीमारी के विषाणु सक्रिय हो जाते हैं। फलस्वरुप सर्दी जुखाम, बुखार जैसी बीमारियों के कीटाणु शरीर में पहुंच कर मनुष्य को सबसे ज्यादा परेशान करते हैं।

--बीमारियों का कारण प्राकृतिक चिकित्सा से दूरी

उन्होंने कहा मनुष्यों का प्राकृतिक चिकित्सा से दूरी हीं ऐसी बीमारियों के लिए जिम्मेदार है। चिकित्सा ऐसी होनी चाहिए जो शरीर में रोगों से बचाने वाली सुरक्षा शक्तियों को ताकतवर बनाएं। इसमें भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियां जैसे सूर्य, अग्नि, वायु, जल, यज्ञ, मंत्र चिकित्सा हो या स्पर्श चिकित्सा सभी संक्षम हैं। विज्ञान को अभी वहां पहुंचना बाकी है, जहां शास्त्र पहले पहुंच चुका है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

   

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