मंडी की डॉ. तारा सेन को शिवाजी कॉलेज दिल्ली ने जीजाबाई अचीवर्स अवार्ड से किया सम्मानित
- Admin Admin
- Feb 21, 2025
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मंडी, 21 फ़रवरी (हि.स.)। राजकीय वल्लभ महाविद्यालय मंडी के वनस्पति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ. तारा देवी सेन को शिवाजी कॉलेज, दिल्ली में प्रतिष्ठित जीजाबाई अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान समारोह शिवाजी जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। इस आयोजन में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया के. रहाटकर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रही। जबकि शिवाजी कॉलेज के गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष प्रो. बी.डब्ल्यू. पांडे विशेष अतिथि थे।
इस पुरस्कार से सम्मानित सभी व्यक्तित्वों, जिनमें डॉ. तारा देवी सेन भी शामिल रही को महिला सशक्तिकरण, संरक्षण, स्थिरता और शिक्षा के क्षेत्र में उनके क्रांतिकारी कार्यों के लिए सराहा गया। हिमाचल प्रदेश से आने वाली डॉ. तारा देवी सेन को विशेष रूप से वन्य पोषक एवं औषधीय पौधों के सतत उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया गया, जो पारिस्थितिक संतुलन और खाद्य सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके इस अनुकरणीय कार्य ने उन्हें इंडियन बायोडायवर्सिटी अवार्ड और 2021 में यंग साइंटिस्ट अवार्ड जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा है। जीजाबाई अचीवर्स अवार्ड जो 2010 में स्थापित किया गया, उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है, जिन्होंने लैंगिक जागरूकताए सामुदायिक उत्थान और सामाजिक परिवर्तन में उत्कृष्ट योगदान दिया है। पर्यावरणीय स्थिरता और विज्ञान के क्षेत्र में डॉ. सेन के असाधारण प्रयासों को इस पुरस्कार समारोह में विशेष रूप से सराहा गया।
इस समारोह के दौरान महिला विकास प्रकोष्ठ के वार्षिक प्रकाशन का विमोचन भी किया गया, जिसमें पुरस्कार विजेताओं की उपलब्धियों पर लेखों के साथ-साथ शिवाजी कॉलेज के छात्रों और शिक्षकों के योगदान को भी शामिल किया गया। डॉ. सेन और अन्य पुरस्कार विजेताओं को एक स्मृति चिन्ह और 21,000 रुपए की नकद राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शिक्षाविदों और समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने भाग लिया, जिनमें शिवाजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. वीरेंद्र भारद्वाज भी शामिल थे। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं की उपलब्धियों की सराहना की। इस अवसर पर डॉ. तारा देवी सेन ने कहा कि यह सम्मान केवल मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि उन सभी सहयोगियों, छात्रों और समुदायों के सामूहिक प्रयासों का प्रतीक है, जिनके साथ मैंने कार्य किया है। मैं इस पुरस्कार को अपने माता पिताए गुरुजनों और उन सभी व्यक्तियों को समर्पित करती हूं जो पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि हमारे आज के कार्य भविष्य की पीढिय़ों के लिए एक बेहतर दुनिया बनाएंगे। मैं विज्ञान, स्थिरता और सामुदायिक उत्थान के क्षेत्र में अपने कार्य को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हूं, इस यात्रा में मेरा साथ देने वाले सभी व्यक्तियों और शिवाजी कॉलेज का हृदय से धन्यवाद।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा