राजमाता अहिल्याबाई होलकर अपने शासनकाल में तीर्थ स्थलों का किया चहुंमुखी विकास: महापौर गणेश केसरवानी
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- Aug 13, 2025
प्रयागराज, 13 अगस्त (हि.स.)। राजमाता अहिल्याबाई का जीवन महिलाओं की शक्ति, त्याग और नेतृत्व क्षमता का अद्वितीय उदाहरण है। हमें उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। उन्होंने अपने शासन काल में न केवल मालवा राज्य का चहुंमुखी विकास किया बल्कि देश के सभी तीर्थ स्थलों का किया चहुंमुखी विकास किया । यह बात बुधवार को प्रयागराज के दारागंज स्थित उनकी प्रतिमा स्थल पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रयागराज के महापौर गणेश केसरवानी ने कही।
उन्होंने कहा कि राजमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन एवं कार्यों को स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने अपने शासनकाल में न केवल मालवा राज्य का चहुँमुखी विकास किया, बल्कि तीर्थस्थलों के जीर्णोद्धार, मंदिर निर्माण, धर्मशालाओं और कुओं के निर्माण जैसे जनहितकारी कार्य भी करवाए। उनकी प्रशासनिक कुशलता, दूरदर्शिता और न्यायप्रियता आज भी शासन-प्रशासन के लिए प्रेरणास्रोत है।
इससे पूर्व भारतीय इतिहास में अपने अद्वितीय शासन, जनकल्याणकारी कार्यों और धार्मिक सहिष्णुता के लिए विख्यात पुण्यश्लोक राजमाता अहिल्याबाई होल्कर की पुण्यतिथि पर बुधवार को दारागंज स्थित उनकी प्रतिमा स्थल पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर नगर के गणमान्य नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने उपस्थित होकर राजमाता की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
माल्यार्पण कार्यक्रम में क्षेत्रीय नागरिक, महिलाएं और युवा शामिल हुए। अंत में सभी ने राजमाता के आदर्शों और उनके जनसेवा भाव को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के दौरान भारत निषाद, तीर्थराज पांडेय, राजेश पाठक, सोनू निषाद, मुकेश शुक्ला, कृष्ण कुमार पाठक आदि लोग उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल



