मतदाता फोटो पहचान पत्र संख्या में दोहराव का मतलब डुप्लीकेट मतदाता नहीं, चुनाव आयोग ने दिया स्पष्टीकरण

- दो अलग-अलग राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा समान अल्फ़ान्यूमेरिक श्रृंखला के उपयोग के कारण डुप्लीकेट ईपीआईसी संख्या के कुछ मामले- पंजीकृत मतदाताओं को अद्वितीय मतदाता फोटो पहचान पत्र संख्या का आवंटन सुनिश्चित करेगा चुनाव आयोग

नई दिल्ली, 2 मार्च (हि.स.)। चुनाव आयोग ने कुछ सोशल मीडिया पोस्ट और मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लिया है, जिसमें दो अलग-अलग राज्यों के मतदाताओं के समान मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) संख्या होने के मुद्दे को उठाया गया है।

आयोग ने इस संबंध में यह स्पष्ट किया है कि कुछ मतदाताओं के ईपीआईसी नंबर समान हो सकते हैं, लेकिन समान ईपीआईसी नंबर वाले मतदाताओं के लिए जनसांख्यिकीय विवरण, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्र सहित अन्य विवरण अलग-अलग हैं। ईपीआईसी नंबर के बावजूद कोई भी मतदाता अपने राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में अपने निर्दिष्ट मतदान केंद्र पर ही वोट डाल सकता है, जहां वे मतदाता सूची में नामांकित हैं, कहीं और नहीं।

आयोग का कहना है कि विभिन्न राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के कुछ मतदाताओं को समान ईपीआईसी संख्या/श्रृंखला का आवंटन सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के मतदाता सूची डेटाबेस को ईआरओएनईटी प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित करने से पहले एक विकेन्द्रीकृत और मैन्युअल तंत्र का पालन करने के कारण हुआ था। इसके परिणामस्वरूप कुछ राज्य/संघ शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालयों ने एक ही ईपीआईसी अल्फ़ान्यूमेरिक श्रृंखला का उपयोग किया और विभिन्न राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं को डुप्लीकेट ईपीआईसी नंबर आवंटित किए जाने की संभावना को छोड़ दिया।

हालांकि, किसी भी आशंका को दूर करने के लिए आयोग ने पंजीकृत मतदाताओं को अद्वितीय ईपीआईसी नंबर का आवंटन सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। डुप्लीकेट ईपीआईसी नंबर के किसी भी मामले को एक अद्वितीय ईपीआईसी नंबर आवंटित करके ठीक किया जाएगा। इस प्रक्रिया में सहायता और सहायता के लिए ईआरओएनईटी 2.0 प्लेटफ़ॉर्म को अपडेट किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव

   

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