ब्रेन स्ट्रोक पर इमरजेंसी सुविधाऐं जरूरी : डॉ. शनशेर द्विवेदी

हरिद्वार, 28 अक्टूबर (हि.स.)। आज विश्व ब्रेन स्ट्रोक दिवस के अवसर पर मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के न्यूरोलाॅजी के निदेशक डाॅ. शमशेर द्विवेदी ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति में मरीज को तुरंत एक ऐसे अस्पताल में ले जाना चाहिए, जहाँ एमआरआई, न्यूरोलॉजिस्ट और क्लॉट को घोलने की दवाइयाँ उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि स्ट्रोक का इलाज शुरुआती 4.5 घंटे के भीतर हो जाना चाहिए। इस स्वर्णिम अवधि को ‘गोल्डन पीरियड’ कहा जाता है।

उन्होंने प्रेस क्लब सभागार में आयाेजित प्रेस वार्ता में कहा कि यदि समय पर उचित दवा नहीं दी जाती है, तो मस्तिष्क का स्थायी नुकसान हो सकता है, जिससे मरीज को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

डॉ. द्विवेदी ने कहा कि सरकार को छोटे शहरों में भी आवश्यक स्ट्रोक-केयर सुविधाओं की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देहरादून में इलाज की सुविधा होने के बावजूद, दूर-दराज के मरीज समय पर वहाँ नहीं पहुंच पाते। सरकार को छोटे शहरों में टेलीमेडिसिन और जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन और क्लॉट घोलने की दवाइयों को उपलब्ध करना चाहिए। इससे मरीजों को दूर जाने की आवश्यकता नहीं होगी और समय पर इलाज संभव होगा।

डॉ. द्विवेदी ने कहा कि जितना जल्दी इलाज मिलेगा, उतना ही मस्तिष्क को नुकसान से बचाया जा सकेगा। स्ट्रोक के इलाज में टेलीमेडिसिन तकनीक का उपयोग कर शुरुआती निर्देश दिए जा सकते हैं, जिससे जिला अस्पतालों में स्ट्रोक-केयर सेंटर विकसित किए जा सकें।

साथ ही डाॅ. नितिन गर्ग ने बताया कि जैसे हार्ट अटैक के लिए त्वरित इमरजेंसी की जरूरत होती है, वैसे ही ब्रेन स्ट्रोक के लिए भी तुरंत इलाज आवश्यक है।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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