आरएमएल में पहली बार की गई घुटनों की दो सफल  रोबोटिक सर्जरी 

नई दिल्ली, 8 फ़रवरी (हि.स.)। डॉ. राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल और अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एबीवीआईएमएस) में शुक्रवार को पहली बार सफल रोबोटिक घुटना प्रतिस्थापन किया गया। अस्पताल में पहले से ही घुटना प्रतिस्थापन यानि रिप्लेसमेंट किया जाता है लेकिन रोबोट की मदद से पहली बार किया गया।

अपस्ताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शुक्ला के नेतृत्व में, डॉ. ओ.पी. मीना और डॉ. वासु शर्मा और उनकी टीम की विशेषज्ञ सहायता के साथ 55 साल की एक महिला के दोनों घुटने और 65 साल के पुरुष के एक घुटने का प्रतिस्थापन किया गया। तीनों घुटने का ऑपरेशन एक ही दिन किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक अब दोनों मरीज स्वस्थ और चल फिर रहे हैं।

शनिवार को आरएमएल अस्पताल ने ट्वीट करके बताया कि चिकित्सा के क्षेत्र में पहली बार दिल्ली के सरकारी अस्पताल में घुटना प्रतिस्थापन की सर्जरी रोबोट के जरिए की गई। आरएमएल अस्पताल का पहला रोबोटिक घुटना प्रतिस्थापन सफलतापूर्वक किया जाना इस सर्जरी की सटीकता का परिणाम है। डॉ. अजय शुक्ला (निदेशक और एमएस) के नेतृत्व में डॉ. ओ.पी. मीना और डॉ. वासु शर्मा और उनकी टीम की विशेषज्ञों ने इस सर्जरी को किया। अस्पताल में घुटने के मरीजों के लिए अत्याधुनिक रोबोटिक्स और चिकित्सा विशेषज्ञता को मिलाकर ऑर्थोपेडिक देखभाल को फिर से परिभाषित किया जा रहा है। दो रोगियों पर कुल तीन घुटना प्रतिस्थापन अत्याधुनिक माको सर्जिकल रोबोट का उपयोग करके किए गए। जोड़ों के प्रतिस्थापन में यह एक मील का पत्थर साबित होगा। इससे रिकवरी भी तेज होती है ।

चिकित्सकों के अनुसार आरएमल अस्पताल में जल्दी ही ऑर्थोपीडिक विभाग में रोबोट लाया जाएगा। इस संबंध में प्रक्रिया तेज कर दी गई है। रोबोट आने के बाद आरएमएल दिल्ली का पहला सरकारी अस्पताल बन जाएगा।

रोबोटिक सर्जरी के क्या हैं फायदे:

अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार रोबोटिक सर्जरी के कई फायदे हैं। रोबोटिक सर्जरी में सटीकता से साथ इसमें चीरा छोटा होता है, टिशू को नुकसान कम होता है। इसके साथ खून का नुकसान नहीं होता। मरीजों की रिकवरी बहुत तेजी से होती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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