संघ विचार से समाज में वास्तविक परिवर्तन संभव: शिव प्रताप शुक्ल

शिमला, 03 मार्च (हि.स.)। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि समाज में वास्तविक परिवर्तन तब संभव है, जब हम संघ विचार को समाज में फैलाकर उसे जन-जन तक पहुँचाएं। वे शिमला के गेयटी थियेटर में आयोजित मातृवंदना पत्रिका के विशेषांक एवं दिनदर्शिका के भव्य विमोचन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हाल ही में कुंभ मेला में लगभग 80 करोड़ लोगों ने स्नान किया और इतनी बड़ी संख्या में लोगों की सुरक्षा का दावा प्रशासन नहीं कर सकता। फिर भी विचार की शक्ति ने सभी को अनुशासित किया जिससे यह वैश्विक अभियान सफल हुआ। उन्होंने कहा कि जब भी कोई कार्य करना हो तो सबसे पहले विचार का प्रचार जन-जन तक होना चाहिए।

राज्यपाल ने नशे के खिलाफ समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि संघ विचार में न केवल समाज को सशक्त बनाने की शक्ति है बल्कि यह देश को कुरीतियों से मुक्त कर उसे संगठित करने की दिशा में भी काम करता है।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रसिद्ध समाजसेवी राजकुमार वर्मा और मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता वीरेंद्र सेपेइया उपस्थित थे।वीरेंद्र सेपेइया ने अपने उद्बोधन में संघ की यात्रा और इसके उद्देश्यों को साझा करते हुए बताया कि संघ का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज की कुरीतियों को दूर करना और समाज में राष्ट्रभक्ति का भाव पैदा करना है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति से अलग किए बिना ब्रिटिश शासकों ने भारत पर शासन करने की नीति अपनाई थी और इसके लिए उन्होंने मैकाले की शिक्षा नीति लागू की थी जिसका उद्देश्य भारतीयों में अपनी संस्कृति के प्रति घृणा और अंग्रेजी के प्रति सम्मान पैदा करना था।

पत्रिका संपादक दयानंद शर्मा ने बताया कि मातृवंदना पत्रिका हिमाचल प्रदेश में प्रत्येक माह 30,000 से अधिक प्रतियों के साथ जन-जन तक पहुँचती है। इस पत्रिका ने देशभक्ति का जागरण करते हुए समाज में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कार्यक्रम में आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख प्रताप, विश्व संवाद केंद्र न्यास के अध्यक्ष राजेश बंसल, उपाध्यक्ष यादवेंद्र सिंह चौहान, कार्यालय प्रमुख दलेल सिंह ठाकुर सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

   

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