शिमला, 25 जनवरी (हि.स.)। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रणाली के जरिए वैश्विक स्तर पर अपनी खास पहचान बनाई है। आज हर भारतीय को निर्वाचन आयोग पर गर्व होना चाहिए क्योंकि इसके कार्यों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने यह बात शनिवार को ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में आयोजित 15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कही। हिमाचल प्रदेश निर्वाचन विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का विषय ‘‘वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगे हम’’ था।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में भारत निर्वाचन आयोग की निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की प्रशंसा की। उन्होंने आयोग की पूरी टीम को लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने और विश्व स्तरीय मानकों पर खरा उतरने के लिए सराहा।
युवा मतदाताओं को प्रोत्साहन
राज्यपाल ने पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं को बधाई देते हुए कहा कि वे अपने साथियों के बीच मतदान के महत्व को समझाने में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में नागरिक सेवाओं, पुलिस प्रशासन, गैर-सरकारी संगठनों और मीडिया के योगदान की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी, जो भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र को मजबूत बनाएं।
मतदाता सूची और मतदान के आंकड़े
इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी नंदिता गुप्ता ने राज्यपाल का स्वागत किया और जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश में वर्तमान मतदाता सूची के अनुसार कुल 56,62,423 पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें 18-19 वर्ष आयु वर्ग के 1,33,407 युवा मतदाता शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में हिमाचल प्रदेश में 71.45 प्रतिशत मतदान हुआ था।
सम्मान और पुरस्कार वितरण
राज्यपाल ने इस अवसर पर युवा मतदाताओं को ‘इलेक्शन फोटो आइडेंटिटी कार्ड्स’ प्रदान किए। उन्होंने विशेष मतदाताओं और निर्वाचन विभाग के राज्य आइकॉन को भी सम्मानित किया। इसके अलावा, श्रेष्ठ पंजीकरण अधिकारियों और शिमला जिले के श्रेष्ठ बूथ लेवल अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा