गुरुग्राम: बांग्लादेश में पीडि़त हिन्दुओं के लिए स्वायत्त क्षेत्र बनाया जाये: भारत भूषण
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- Dec 10, 2024
-गुरुग्राम विवि में हुई बांग्लादेश में सनातन धर्म पर हो रहे अत्याचार के विरोध में विचार गोष्ठी
गुरुग्राम, 10 दिसंबर (हि.स.)। बांग्लादेश में सनातन धर्म पर हो रहे अत्याचार के विरोध में विचार गोष्ठी में आरएसएस अखिल भारतीय सह-सम्पर्क प्रमुख भारत भूषण ने कहा कि जिस तरह से बांग्लादेश में हिंदुओं के हितों पर कुठाराघात हो रहा उसे किसी भी रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने हिंदुओं के हितों की रक्षा के लिए बांग्लादेश में स्वायत क्षेत्र बनाने की मांग करते हुए कहा कि बांग्लादेश में खुलाना व सिलीगुड़ी को स्वायत क्षेत्र घोषित किया जाए। इससे पूर्व डॉक्टर अशोक दिवाकर ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी। अनिल कश्यप ने मंच संचालन किया। इस गोष्ठी के बाद राष्ट्रपति के नाम जिला उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा गया।
सनातन चेतना मंच के तत्वाधान में आयोजित की गयी इस गोष्ठी में भारत भूषण ने कहा कि बांग्लादेश में जिन क्षेत्रों में हिन्दुओं कि जनसंख्या 20 प्रतिशत से अधिक है। उन्हें चिन्हित करके स्वायत क्षेत्र बना दिया जाये, ताकि वे सुरक्षित अनुभव कर सकें। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज को मिटाने की ताकत किसी भी शक्ति में नहीं है। यह ठीक है कि हम जातियों में बटे हैं लेकिन आवश्यकता पडऩे पर हिन्दू समाज एकत्रित होता है। जब यह उठ खड़ा होता है तो इतिहास साक्षी है कि फिर सनातन शौर्य के सामने कोई भी आसुरी शक्ति टिक नहीं पाई है।
उन्होंने कहा कि इस घटना क्रम में पाकिस्तान जैसी शक्तिया भी शामिल हैं। बांग्लादेश को सुरक्षित करने के लिए भारत ने ही बांग्लादेश को पाकिस्तान से स्वतंत्रता दिलाई थी। यह बात जमायते इस्लामी जैसी कटरपंथी संस्थाओं को यह बात हजम नहीं हुई। पाकिस्तान के 93000 सैनिकों को भारत ने बंदी बना लिया था। यह विश्व कि एक ऐतिहासिक घटना थी जिसका मलाल पाकिस्तान को आज भी है।
उस समय भी अनेक ऐसे कट्टरपंथी मानसिकता के लोग थे, जो पाकिस्तान से बांग्लादेश को अलग नहीं देखना चाहते थे। ऐसे ही लोगो ने मिल कर एक षड्यंत्र के चलते शेख हसीना को अपदस्थ करा दिया। उसके बाद से ही बांग्लादेश में जेहादी लोगों का नियंत्रण हो गया। आज वहां खुले रूप से मानवाधिकारों का उलंघन हो रहा है। उनके अनुसार इस घटनाक्रम के पीछे अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी की अपरोक्ष रूप से सहभागिता से इंकार नहीं किया जा सकता। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस तो केवल एक मुखौटा है। इसके पीछे मुस्लिम कटरपंथी संगठनों का षड्यंत्र है। यह दुर्भागयापर्ण है कि इस्कॉन जैसी शांति का सन्देश देने वाली संस्था को आतंकवादी संगठन बताया जा रहा है। यह विडम्बना ही है कि यह सब वहां कि सरकार के संरक्षण में ही हो रहा है। उन्होंने मोहम्मद यूनुस से नोबेल शांति पुरस्कार वापिस लेने की भी मांग की। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे ब्रह्मऋषि गीतानंद आश्रम के श्री श्री जयनन्द महाराज ने कहा कि कभी भारत से पूरा विश्व कांपता था, लेकिन हमारी आंतरिक फूट के कारण भारत कमजोर दिखाई देता है।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर हरियाणा