हिमाचल प्रदेश के पहले डीजीपी आई.बी. नेगी का निधन
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- Mar 05, 2025

शिमला, 5 मार्च (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के पहले पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी आई.बी. नेगी का 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनका जीवन अनुशासन, सेवा और कर्तव्यनिष्ठा का उदाहरण रहा। वे 1958 बैच के प्रतिष्ठित आईपीएस अधिकारी थे और उत्तर प्रदेश कैडर से जुड़े थे।
किन्नौर से आईपीएस तक का सफर
आई.बी. नेगी का जन्म 31 अक्टूबर 1932 को हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के सांगला गांव में हुआ था। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण कर हिमाचल प्रदेश से पहले डायरेक्ट आईपीएस अधिकारी बनने का गौरव हासिल किया। अपने लंबे और प्रभावशाली करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में योगदान दिया।
प्रशासनिक व सुरक्षा सेवाओं में योगदान
आई.बी. नेगी ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के एडीसी के रूप में कार्य किया और नैनीताल व लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रहे। उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस की सीआईडी शाखा में भी अपनी सेवाएं दीं। उनके कार्यक्षेत्र में आईटीबीपी और एसएसबी जैसे अर्धसैनिक बल भी शामिल रहे, जहां उन्होंने एनईएफए और अरुणाचल प्रदेश में अपनी जिम्मेदारियां निभाईं। वे सीआईएसएफ, बोकारो में डीआईजी भी रहे।
1975 में उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय में प्रशिक्षण प्राप्त किया और 1978 में दिल्ली पुलिस आयुक्तालय की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, वे सीआरपीएफ अकादमी, माउंट आबू के उप निदेशक और एसएसबी शिमला के निदेशक भी रहे।
हिमाचल प्रदेश के पहले डीजीपी
1986 में आई.बी. नेगी को हिमाचल प्रदेश का पहला पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1990 में वे सेवानिवृत्त हुए।
सम्मान और उपलब्धियां
1988 में उन्होंने इंटरपोल सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। उनकी अनुकरणीय सेवा भावना के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक और पुलिस सेवा पदक से सम्मानित किया गया।
उनका पूरा जीवन देश की सेवा के लिए समर्पित रहा। हिमाचल प्रदेश पुलिस और प्रशासन ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा