एचआरटीसी में इस साल के अंत तक आएंगी 1000 नई बसें, 327 होंगी इलेक्ट्रिक
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- Mar 12, 2025

शिमला, 12 मार्च (हि.स.)। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के बेड़े में इस साल बड़े बदलाव की तैयारी है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान जानकारी दी कि एचआरटीसी इस वर्ष के अंत तक 1000 पुरानी बसों को बदलकर नई बसें खरीदेगा। इसमें 600 बसों की खरीद का ऑर्डर जारी हो चुका है जिनमें 327 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार चरणबद्ध तरीके से 1500 इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने की योजना पर काम कर रही है। केंद्र सरकार से भी इस संबंध में बातचीत की गई है। इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति करने वाली कंपनी 10 वर्षों तक इनका रखरखाव करेगी। प्रत्येक बस की लागत करीब 1.25 करोड़ रुपये आंकी गई है।
चार्जिंग स्टेशन के लिए मिल रही है मदद
विधानसभा में पूछे गए सवालों के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इलेक्ट्रिक बसों की खरीद और चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए नाबार्ड से मदद ली जा रही है। एचआरटीसी अपने स्तर पर इतना बड़ा खर्च वहन नहीं कर सकता, इसलिए राज्य सरकार इसका पूरा खर्च उठा रही है। चार्जिंग स्टेशन के लिए 110 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। इसके अलावा पेट्रोलियम कंपनियों से भी बातचीत चल रही है ताकि वे चार्जिंग स्टेशन तैयार कर सकें।
डीजल बसों की भी होगी खरीद
हालांकि इलेक्ट्रिक बसों पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन एचआरटीसी 250 डीजल बसों की भी खरीद करने जा रहा है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि छोटी बसों की भी जरूरत को देखते हुए सरकार उन्हें खरीद रही है। वहीं जनजातीय और दूरदराज के क्षेत्रों के लिए 100 टैंपो ट्रैवलर भी खरीदे जाएंगे।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए एचआरटीसी टाइप-2 इलेक्ट्रिक बसों में कुछ बदलाव करना चाहती थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी। इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री से भी बातचीत की गई लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है।
नई बसों की खरीद के बाद उन्हें प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में संतुलित तरीके से चलाया जाएगा। 327 इलेक्ट्रिक बसों की डिलीवरी के लिए कंपनी ने 11 महीने का समय मांगा है और सरकार लगातार इस पर नजर रख रही है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एचआरटीसी प्रदेश की लाइफलाइन है और इसे आधुनिक बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा