यमुना किनारे छठ मैया के प्रतीक स्थलों को तोड़ने से  प्रवासियों में रोष 

यमुनानगर, 14 जनवरी (हि.स.)। यमुनानगर में बाड़ीमाजरा पुल के नजदीक यमुना नहर के किनारे मां विंध्यवासिनी देवी के दूसरे रूप में पूजी जाने वाली छठ मैया के मंदिर व उनके प्रतीक स्थलों को गिराने के विरोध में मंगलवार को पूर्वाचल समाज के सैंकेडों लोग यमुना किनारे एकत्रित हो गए। लोगों के गुस्से को देखते हुए सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने अपनी इस कार्रवाई पर माफी मांगी जिसके पश्चात लोग शांत हुए।

यमुना किनारे बने छठ मैया के मंदिर सहित छठ मैया के प्रतीक के रूप में बनाए गए छोटे-छोटे स्थलों को सिंचाई विभाग के द्वारा तोड़ दिया गया। जिससे हिंदू समाज में गुस्से की लहर दौड़ गई तथा सैंकड़ों लोग वहां एकत्रित हो गए। विशेषकर प्रवासियों ने वहां एकत्रित होकर अपना रोष जताया। मंगलवार को पूर्वांचल कल्याण समिति के प्रांतीय अध्यक्ष पवन प्रताप ने बताया कि यह सही है कि छठ मैया का मंदिर सिंचाई विभाग की जमीन पर बना था। लेकिन मंदिर गिराए जाने से पूर्व हमें सूचना दी जाती तो हम पूरे विधि विधान व हवन आदि के माध्यम से उस स्थल को पीछे हटाते। लेकिन जिस प्रकार रातों-रात पोकलेन और जेसीबी के माध्यम से मंदिर को गिराया गया है उससे हिंदू समाज की आस्था से खिलवाड़ हुआ है। जिसे हम किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों ने उनसे इस कृत्य के लिए क्षमा मांग ली है। लेकिन यदि विभागीय अधिकारियों ने दिए गए आश्वासन के अनुसार मंदिर को पक्का व घाटों को पक्का ना कराया तो हम आरपार के संघर्ष का बिगुल बजा देंगे। सिंचाई विभाग के उप मंडल अधिकारी सूरज प्रकाश ने कहा कि उनकी जानकारी में नहीं था। यदि लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस लगी है तो हम क्षमा प्रार्थी है। भविष्य में मंदिर व घाट बना दिया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / अवतार सिंह चुग

   

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