जयपुर, 18 नवंबर (हि.स.)। जयपुर के 298वें स्थापना दिवस पर मंगलवार शाम स्टेच्यू सर्किल लोकसंस्कृति के रंगों में डूबा नजर आया। नगर निगम जयपुर की ओर से आयोजित भव्य सांस्कृतिक महोत्सव में शहरवासियों की भीड़ देर शाम तक बनी रही। परम्पराओं, लोकगीतों, लोकनृत्यों और वाद्ययंत्रों की धुनों ने गुलाबी शहर की शाम को यादगार बना दिया। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी, स्वायत शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा, जयपुर सांसद मंजू शर्मा सहित अन्य जन प्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।
कार्यक्रम का आगाज़ “पधारो म्हारे देश” की मधुर प्रस्तुति से हुआ। स्वागत धुन और पारंपरिक ताल पर सजते कदमों ने शुरुआत में ही दर्शकों को सांस्कृतिक रस में डूबो दिया। मंच के सामने मौजूद दर्शकों ने इस गीत को मोबाइल में रिकॉर्ड करते हुए उत्साह जताया।
सिर पर जलती चरी रखते हुए कलाकारों की संतुलित चाल और ताल ने माहौल में रोमांच भर दिया। कई दर्शक बिना पलक झपकाए ये नृत्य देखते रहे। चरी के बाद मंच पर आई राजस्थान की पहचान—घूमर। रंग-बिरंगी लहराती ओढ़नियों, धीमी लय और कलाकारों की सुंदर घूम ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। तालियों की लहर लगातार मंच तक पहुँचती रही।
घूमर के बाद कालबेलिया की प्रस्तुति में तेज गति वाली मुद्राएँ, काले परिधान और बीन-ढोलक की तीव्र धुन ने माहौल में जोश भर दिया। मंच के सामने खड़े दर्शक झूमते नजर आए। मोबाइल कैमरों में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड हुई प्रस्तुति भी यही रही। इसके बाद प्रस्तुत भवई नृत्य में सिर पर कई घड़ों को एक के ऊपर एक जमाकर कलाकार ने कठिन मुद्राएँ पेश कीं। दर्शकों ने इसे शाम का सबसे रोमांचक पल बताया।
इस दौरान स्टेच्यू सर्किल पर रोशनी की गई। कार्यक्रम के अंत में आकाश रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठा। भव्य आतिशबाजी ने स्थापना दिवस की शाम को और शानदार बना दिया। दर्शक देर तक आसमान में चमकते रंगों के नज़ारे देखते रहे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा, जयपुर सांसद मंजू शर्मा, विधायक कालीचरण सर्राफ, बालमुकुंद आचार्य, संभागीय आयुक्त पूनम, निगम आयुक्त डॉ. गौरव सैनी, पूर्व महापौर शील धाबाई, उप महापौर पुनीत कर्णावत, भाजपा नेता रवि नैय्यर, चंद्र मनोहर बटवाड़ा, अशोक पंड्या, जितेंद्र श्रीमाली सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
इस दौरान उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने शहरवासियों को 298वें स्थापना दिवस पर सभी जयपुरवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जयपुर दुनिया का सबसे सुव्यवस्थित शहर है। इसे साफ, स्वच्छ और सुरक्षित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। हमारे पूर्वजों ने हमें जो विरासत सौंपी है, उसे सहेजना हमारा कर्तव्य है। 300 वर्ष पूरे होने पर जयपुर को पूरे वर्ष उत्सव की तरह मनाया जाएगा। नई पीढ़ी को संस्कृति से जोड़ना जरूरी है, यही हमारा भविष्य है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश



