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जींद, 17 फ़रवरी (हि.स.)। स्कूल में देखे हुए सपने बहुत ही कम लोगों के साकार हो पाए हैं। सपनों को साकार करना है तो उसके लिए लक्ष्य को निर्धारित करके लगातार मेहनत करनी होती है, तब सफलता मिलती है। श्रेया जैन ने कोस्ट एंड मैनेजमेट अकाउंटेंटिंग (सीएमए) की परीक्षा में टॉप 41वां रैंक हासिल किया। यह सपना कक्षा 10वीं से देखा था और इसे 20 साल की उम्र में पूरा किया। उचाना मंडी निवासी श्रेया जैन ने 10वी अंबाला चमन वाटिका गुरुकुल 2021 में पास की। 12वीं इंडस स्कूल जींद से की।
बीकॉम हॉन्स दिल्ली यूनिवर्सिटी से पासआउट की। उन्होंने कहा मोटिवेशन कहानी बच्चों को पढऩे के लिए प्रोत्साहित करती है। क्योंकि ये न केवल उनके मनोरंजन का साधन होती हैंए बल्कि उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण ज्ञान से भी रूबरू कराती हैं। इन कहानियों से बच्चों में सकारात्मक सोच, संघर्ष, ईमानदारी और आत्मविश्वास जैसे गुण आते हैं। जब बच्चे विद्यार्थी प्रेरणादायक कहानियां पढ़ते हैं तो वे अपने जीवन की चुनौतियों से निपटने के लिए मानसिक रूप से तैयार होते हैं।
श्रेया जैन ने बताया कि दिसंबर में उनके फाइनल एग्जाम थे और एग्जाम से पहले उनको डेंगू हो गया था लेकिन वो हिम्मत नहीं हारी अपनी पूरी तैयारी करके फाइनल एग्जाम दिया। उसकी बहन दीपा जैन ने भी 2 साल पहले सीएआई फाइनल ऑल इंडिया में 7 रैंक हासिल किया था। जो अब सेंट्रल गवर्मेंट की कंपनी में कार्यरत है। दादा मदन लाल जैन से प्रेरणा लेकर उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया है। पिता परवीन जैन ने कहा कि श्रेया जैन अपनी लगन और मेहनत से इस मुकाम को हासिल किया है उनको अपनी बेटी पर गर्व है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा