केएफसीएल ने शुरु किया यूरिया का उत्पादन, नैनो यूरिया किसानों के लिए बनेगी संजीवनी

कानपुर, 05 फरवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सहित बिहार के किसानों को यूरिया मुहैया कराने वाला कानपुर का केएफसीएल उद्योग बंदी के संकट से उबर चुका है, क्योंकि केन्द्र सरकार ने सब्सिडी का सैकड़ों करोड़ रुपया उपलब्ध करा दिया है। इससे गैस उपलब्ध कराने वाले भारत सरकार के उपक्रम गेल का भुगतान हो गया और एक बार फिर यूरिया का उत्पादन बुधवार से शुरु हो गया। इसक साथ ही नैनो यूरिया का प्लांट भी रन में है जो किसानों के लिए संजीवनी साबित होगी, क्योंकि लिक्विड रुपी नैनो यूरिया का छिड़काव छोटी मशीनों और ड्रोन से आसानी से किया जा सकता है। साथ ही नैनो यूरिया को आसानी से ट्रांसपोर्ट भी किया जा सकेगा।

पनकी औद्योगिक क्षेत्र स्थित एकमात्र भारी उद्योग कानपुर फर्टिलाइज़र केमिकल लिमिटेड (केएफसीएल) में 18 दिसंबर 2024 से यूरिया का उत्पादन ठप हो गया था। इसके पीछे कारण रहा कि भारत सरकार के उपक्रम गेल इंडिया ने बकाया भुगतान को लेकर ओर से गैस आपूर्ती बंद कर दी थी। गैस उपलब्ध न होने से यहां से रोजाना 2100 टन यूरिया का उत्पादन ठप हो गया और कर्मचारियों के साथ किसान भी पशोपेश में आ गये थे। इस पर कंपनी के निदेशकों ने लंबी चर्चा के साथ मं​थन किया और शहर सांसद रमेश अवस्थी ने भी सहयोग किया। हुआ यूं कि केएफसीएल को केन्द्र सरकार से सब्सिडी मिलती है और करीब सात सौ करोड़ रुपये की सब्सिडी रुकी थी जिससे गैस की आपूर्ति का भुगतान नहीं हो पा रहा था। भुगतान होने पर सोमवार को गेल ने गैस की आपूर्ति सेवा शुरु कर दी और बुधवार को कंपनी ने यूरिया का उत्पादन शुरु कर दिया। पहली खेप उत्तर प्रदेश और बिहार के किसानों को केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार उपलब्ध कराया जाएगा।

वापस आए श्रमिक

केएफसीएल के प्रबंधन अधिकारी अवनीश राय ने बताया कि गेल कि ओर से दो दिन पहले गैस की आपूर्ती शुरु हुई है। यूरिया उत्पादन के लिए प्रक्रिया की जाती है। उसको तैयार करने में लगभग दो दिन का समय लगता है। जिससे आज पहली खेप तैयार हो गयी है। अब इसे केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश पर विभिन्न राज्यों में किसानों के लिए भेजा जायेगा। जिससे किसानों को यूरिया की कमी ना होने पायेगी। साथ ही उन्होंने बताया कि उत्पादन बंद होने से लगभग 1000 श्रमिकों को काम मिलना बंद हो गया था। जिससे वह बेरोज़गार हो गए थे और आर्थिक संकट से जूझ रहे थे। लगभग 500 संविदा श्रमिकों ने तो दूसरे औद्योगिक इकाइयों की तरफ काम करने चले गए थे। सभी श्रमिकों को वापस बुला लिया गया है और उत्पादन के शुरु होने से श्रमिकों में खुशी की लहर है।

नैनो यूरिया किसानों के लिए बनेगी संजीवनी

निदेशक सुधीर श्रीवास्तव ने बुधवार को बताया कि नैनो यूरिया की मांग और किसानों के लाभ को देखते हुए केएफसीएल ने एक अलग प्लांट स्थापित किया था जो रन पर है। जल्द ही यह प्लांट शुरु हो जाएगा जिससे किसानों को आसानी से दानेदार की जगह नैनो यूरिया लिक्विड के रुप में उपलब्ध होगी। एक बोतल नैनो यूरिया एक बोरी यूरिया के बराबर काम करेगी। इसको ट्रांसपोर्ट करने में भी आसानी होगी और किसान भाई छोटी मशीनों व ड्रोन के जरिये आसानी से फसलों पर छिड़काव कर सकेंगे। यह किसानों के लिए संजीवनी का काम करेगी, क्योंकि इसका छिड़काव लिक्विड में रहता है जिससे फसल भी अच्छी होती है और साथ छिड़काव में किसानों को सहूलियत रहती है। इसकी पैकिंग बड़ी-बड़ी बोतलों में की जाएगी और नैनो यूरिया न केवल सस्ता है बल्कि यह तीन राज्यों में किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। अभी बरेली के आंवला और प्रयागराज के फूलपुर में इफको द्वारा नैनो यूरिया का उत्पादन किया जा रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद

   

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