काशी तमिल संगमम के प्रतिनिधियों के पहले दल को चेन्नई से रवाना किया गया

नई दिल्ली, 13 फ़रवरी (हि.स.)। तमिलनाडु के राज्यपाल थिरु आर.एन. रवि ने गुरुवार को चेन्नई के डॉ. एमजीआर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर काशी तमिल संगमम (केटीएस) 3.0 के प्रतिनिधियों के पहले बैच को लेकर जाने वाली ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इस दल में छात्र, शिक्षक और लेखक शामिल हैं। यह 10 दिवसीय कार्यक्रम 15 से 24 फरवरी 2025 तक चलेगा। इस कार्यक्रम में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि और अन्य गण्यमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया पर संदेश में काशी तमिल संगमम 3.0 में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को अपनाने के लिए सभी का स्वागत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह आयोजन संस्कृति, सभ्यता और ज्ञान के दो स्थायी केंद्रों - काशी और तमिलनाडु के बीच गहरे संबंधों को संजोने, मनाने और मजबूत करने का काम करता है।

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार केटीएस के इस संस्करण का मुख्य विषय महर्षि अगस्त्यर होगा और महाकुंभ तथा श्री अयोध्या धाम इसकी पृष्ठभूमि होगी। यह आयोजन एक दिव्य अनुभव प्रदान करेगा तथा हमारी सभ्यता और संस्कृति के दो शाश्वत केंद्रों तमिलनाडु और काशी को और करीब लाएगा।

केटीएस 3.0 के दौरान काशी में ऋषि अगस्त्यर के विभिन्न पहलुओं और स्वास्थ्य, दर्शन, विज्ञान, भाषा विज्ञान, साहित्य, राजनीति, संस्कृति, कला, विशेषकर तमिल और तमिलनाडु आदि के क्षेत्र में उनके योगदान पर एक प्रदर्शनी और सेमिनार, कार्यशालाएं, पुस्तक विमोचन आदि का आयोजन किया जाएगा।

इस वर्ष, सरकार ने तमिलनाडु से पांच श्रेणियों व समूहों के अंतर्गत लगभग 1000 प्रतिनिधियों को लाने का निर्णय लिया है। इसमें छात्र, शिक्षक और लेखक, किसान और कारीगर (विश्वकर्मा श्रेणियां), पेशेवर और छोटे उद्यमी, महिलाएं (एसएचजी, मुद्रा ऋण लाभार्थी, डीबीएचपीएस प्रचारक) और स्टार्ट-अप, इनोवेशन, एडु-टेक, अनुसंधान। इस वर्ष, विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत तमिल मूल के लगभग 200 छात्रों का एक अतिरिक्त समूह काशी और तमिलनाडु के बीच के बंधन को जीवंत करने के लिए इस आयोजन का हिस्सा बनेगा। इस वर्ष सभी श्रेणियों में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया गया है। प्रतिनिधियों के लिए दौरे की अवधि 8 दिन (यात्रा के लिए 4 और साइट पर 4) होगी। पहला समूह आज तमिलनाडु से रवाना हुआ और अंतिम समूह 26 फरवरी को तमिलनाडु वापस आएगा।

काशी तमिल संगमम का उद्देश्य देश के दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन शिक्षण केंद्रों - तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों को फिर से खोजना, पुष्टि करना और उनका जश्न मनाना है।

काशी तमिल संगमम का आयोजन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा संस्कृति, कपड़ा, रेलवे, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना एवं प्रसारण आदि मंत्रालयों और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के विद्वानों, छात्रों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों, कलाकारों और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को एक साथ आने, अपने ज्ञान, संस्कृति और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और एक-दूसरे के अनुभव से सीखने का अवसर प्रदान करना है। इसका उद्देश्य युवाओं को जागरूक करना और सांस्कृतिक एकता का अनुभव कराना भी है। यह प्रयास एनईपी 2020 के भारतीय ज्ञान प्रणालियों की संपदा को ज्ञान की आधुनिक प्रणालियों के साथ एकीकृत करने पर जोर देने के अनुरूप है। कार्यक्रम के लिए आईआईटी मद्रास और बीएचयू दो कार्यान्वयन एजेंसियां हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार

   

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