केसरी ने अरनिया कस्बे में दूषित पेयजल आपूर्ति के लिए पीएचई विभाग की आलोचना की
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- Feb 16, 2025

अरनिया 16 फरवरी (हि.स.)। शिवसेना हिंदुस्तान ने अरनिया कस्बे में दूषित पेयजल आपूर्ति के लिए लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी पीएचईद्ध विभाग की निंदा की है जिसके कारण वहां के निवासी बीमार पड़ रहे हैं। अरनिया कस्बे में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिवसेना हिंदुस्तान जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष पंडित राजेश केसरी ने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है क्योंकि पहले भी कई इलाकों में गंदे पानी की आपूर्ति की खबरें आई हैं जहां निवासियों ने पीएचई विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है।
केसरी ने कहा कि जम्मू जिले में दूषित जल आपूर्ति की समस्या बार.बार आती रहती है जहां कई इलाकों में पानी की भारी कमी और खराब गुणवत्ता का सामना करना पड़ रहा है। स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने में पीएचई विभाग की अक्षमता के लिए आलोचना की गई है जिससे पीड़ित स्थानीय लोगों ने इस मुद्दे को हल करने के लिए अधिकारियों की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाए हैं। दूषित जल आपूर्ति के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ते हैं। निवासियों ने जल जनित बीमारियों की शिकायत की है। कुछ मामलों में दूषित पानी पीने के कारण छात्र बीमार पड़ गए हैं। केसरी ने कहा कि शिवसेना हिंदुस्तान द्वारा पीएचई विभाग की निंदा से अरनिया कस्बे और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में गंदे पेयजल की समस्या के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है।
केसरी ने पीएचई विभाग की विफलता की आलोचना करते हुए कहा कि लोगों को स्वच्छ पेयजल से वंचित करना उनके मूल अधिकारों का उल्लंघन है। पीएचई विभाग का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी सभी बस्तियों में पेयजल सुविधा सुनिश्चित करना है। हालांकि उनकी अक्षमता के कारण लोगों को बिना फिल्टर किए पेयजल की आपूर्ति हो रही है जो विभाग की उदासीनता को उजागर करता है। केसरी ने कहा कि गर्मी के मौसम में स्थिति और खराब होने की संभावना है और निवासी पानी की कमी की समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
केसरी ने कहा कि स्वच्छ पेयजल तक पहुंच वास्तव में एक मौलिक मानव अधिकार है। संयुक्त राष्ट्र ने सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल तक पहुंच को एक बुनियादी मानव अधिकार के रूप में मान्यता दी है जो मानव सम्मान और कल्याण के लिए आवश्यक है। भारत में सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वच्छ पेयजल तक पहुंच के महत्व पर जोर दिया है जिसमें कहा गया है कि यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत एक मौलिक अधिकार है जो जीवन के अधिकार की गारंटी देता है। नागरिकों को स्वच्छ पेयजल तक पहुंच से वंचित करना इस मौलिक अधिकार का उल्लंघन है और यह सरकार और उसकी एजेंसियों जैसे कि पीएचई विभाग की जिम्मेदारी है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि यह अधिकार संरक्षित और पूरा हो। उन्होंने कहा कि शिवसेना हिंदुस्तान पीएचई विभाग द्वारा स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति करने में विफलता के खिलाफ बोलना जारी रखेगी इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर प्रकाश डालेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / मोनिका रानी