बच्चों को कुपोषण मुक्त करने को लेकर जिलाधिकारी ने की बैठक

भागलपुर, 10 अगस्त (हि.स.)। जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में शनिवार को जिले के अति कुपोषित एवं कुपोषित बच्चों को कुपोषण से बाहर निकलने को लेकर आईसीडीएस स्वास्थ्य विभाग एवं संबंधित पदाधिकारी के साथ बैठक आयोजित की गई।

बैठक में बताया गया कि अति कुपोषित बच्चों को, जिन्हें रेफर किया जाता है उन्हें सदर अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र में रखकर उनके शरीर में जो कमी होती है, उसके आधार पर प्रोफाइल तैयार की जाती है। तदनुसार आहार एवं दवा देकर उन्हें 45 दिनों में कुपोषण से बाहर निकाल कर पूर्णत: स्वस्थ कर उन्हें घर भेजा जाता है। उनके अभिभावक को भी संतुलित आहार देने के लिए काउंसलिंग की जाती है। जिलाधिकारी ने कहा कि दस हजार बच्चों को कुपोषण से बाहर निकलना है तो केवल एनआरसी से काम नहीं चलेगा। इसके लिए विभाग को पत्र लिखा जाए कि अनुमंडल स्तर पर पोषण पुनर्वास केंद्र का निर्माण कराया जाए और उनमें बेडों की संख्या अधिक रखी जाए। तत्काल शहरी क्षेत्र में 50 बेड का अस्थाई पोषण पुनर्वास केंद्र की व्यवस्था करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया।

उन्होंने कहा कि तीन श्रेणी में कुपोषित बच्चों को रखा जाए, अति कुपोषित, कुपोषित एवं अस्वस्थ। इसके लिए पहले जिला स्तर पर तदुपरांत प्रखंड स्तर पर संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिनमें स्वास्थ्य विभाग, जीविका, समेकित बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) को शामिल किया जाए। इसके लिए पोस्टर, पंपलेट एवम् आवश्यक प्रचार सामग्री की तैयारी कर ली जाए। साथ ही शिशु चिकित्सक को संवेदनशील बनाया जाए। बैठक में सभी संबंधित विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर / गोविंद चौधरी

   

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