एलआईसी ने राहुल गांधी के दावों का किया खंडन, कहा- पॉलिसीधारक और एजेंट के प्रति हैं प्रतिबद्ध

एलआईसी के जारी विज्ञप्ति का फाइल फोटो

नई दिल्ली, 20 मार्च (हि.स.)। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने गुरुवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के दावों का खंडन करते हुए कहा कि वह अपने पॉलिसीधारकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने और अपने सभी एजेंट के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

एलआईसी की ओर से यह स्पष्टीकरण एलआईसी एजेंट्स के एक प्रतिनिधिमंडल का राहुल गांधी से मुलाकात करने और भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) तथा एलआईसी द्वारा नियमों में हाल ही में किए गए बदलावों का मुद्दा उठाने के एक दिन बाद आया है। एलआईसी एजेंट ने नेता विपक्ष से कहा था कि इरडा तथा एलआईसी द्वारा किए गए नियमों में बदलाव से गरीब तथा वंचित समुदायों के लिए बीमा कम किफायती हो गया है तथा एजेंट की स्थिति कमजोर हो गई है।

एलआईसी के मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) सिद्धार्थ मोहंती ने एक बयान में कहा, हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि एलआईसी द्वारा ऐसे उत्पाद बाजार में प्रस्तुत किए गए हैं, जो इरडा द्वारा निर्धारित नए उत्पाद विनियमों के अनुरूप हैं। यह एक अक्टूबर, 2024 से प्रभावी हैं, जिसमें पॉलिसीधारकों के हितों को सर्वोपरि रखा गया है।

मोहंती ने कहा कि एलआईसी जीवन बीमा कवरेज को व्यापक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने लगातार ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक एवं सामाजिक रूप से वंचित वर्गों तक पहुंचने पर ध्यान केंद्रित किया है। हमारा उद्देश्य हर बीमा योग्य व्यक्ति को सस्ती कीमत पर वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। उन्‍होंने कहा, एलआईसी का विविध पोर्टफोलियो हर प्रकार के ग्राहक और समाज के विभिन्न स्तरों की सेवा के साथ-साथ सभी नियामक आवश्यकताओं का पूरी तरह से अनुपालन करता है।

उन्‍होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर एलआईसी की सूक्ष्म बचत योजना न्यूनतम एक लाख रुपये की बीमा राशि प्रदान करती है और यह माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से मुक्त है, जिससे इसकी पहुंच सुनिश्चित होती है। मोहंती ने जोर देकर कहा कि उत्पाद नियमों में बदलाव के बाद एजेंट के लिए ‘कमीशन’ कम नहीं किया गया है, बल्कि इसे चरणबद्ध तरीके से दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘एलआईसी अपने पॉलिसीधारकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित है, साथ ही अपनी एजेंसी से जुड़े लोगों की भलाई का भी समर्थन करती है।’’

उल्‍लेखनीय है कि बुधवार को राहुल गांधी ने एलआईसी एजेंट के एक प्रतिनिधिमंडल से उनके संसद भवन कार्यालय में मुलाकात करने के बाद कहा था कि वह ईरडा और एलआईसी के द्वारा नियमों में बदलाव किए जाने से संबंधित एलआईसी एजेंट की चिंताओं को संसद में उठाएंगे। उन्होंने कहा था, ‘‘जब 1956 में एलआईसी का गठन किया गया था, तो इसका उद्देश्य सभी भारतीयों को किफायती बीमा प्रदान करना था, विशेष रूप से सबसे गरीब लोगों को जिनके पास कोई अन्य सामाजिक सुरक्षा नहीं थी। उन्‍होंने कहा कि मैं यह मुद्दा उठाऊंगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एलआईसी का समावेशी दृष्टिकोण सुरक्षित रहे।’’

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

   

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