नेता प्रतिपक्ष ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में एचआईएमएस लागू न करने पर आआपा की आलोचना की
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- Dec 30, 2024
नई दिल्ली, 30 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में केंद्र सरकार के एनआईसी के फ्री सॉफ्टवेयर 'हेल्थ इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम' (एचआईएमएस) को लागू ना किये जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। इसका क्रियान्वयन नहीं किये जाने के मुद्दे पर केजरीवाल से इस संबंध में 10 सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने 2016 में घोषणा की थी दिल्ली के अस्पतालों में इस एप्लिकेशन का प्रयोग किया जायेगा ताकि अस्पतालों में आने वाले सभी मरीजों का डाटा डिजिटली सुरक्षित रखा जा सके और मरीजों को भी सुविधा मिल सके, लेकिन ये किया ही नहीं गया।
नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले में सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए केजरीवाल से निम्न 10 सवाल पूछे हैं । पहला, आखिर पिछले दस साल में केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार के एनआईसी द्वारा बनाये गये फ्री साफ्टवेयर का क्रियान्वयन अपने सरकारी अस्पतालों में क्यों नहीं किया?, दूसरा 2016 में सरकार ने खुद इसको लागू करने की घोषणा की थी, बावजूद इसके सरकार ने इस योजना को डंडे बस्ते में क्यों डाल दिया?, तीसरा दिल्ली के मुख्य सचिव द्वारा इसको लागू करने की अनुशंसा को भी सरकार ने आखिर दरकिनार क्यों कर दिया?, चौथा देश में यदि 738 से ज्यादा सरकारी अस्पतालों में इस साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है तो दिल्ली के अस्पतालों के लिए इसका इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया?, पांचवा क्या ऐसा करने के पीछे सरकार किसी अपने को खास फायदा पहुंचाना चाहती है ? छठा केंद्र सरकार के इस साफ्टवेयर की उपेक्षा कर किसी प्राइवेट एजेंसी को अलग से साफ्टवेयर बनाने के लिए 130 करोड़ का ठेका क्यों दे दिया और बाद में उसे भी निरस्त क्यों कर दिया गया?, सातवां केंद्र सरकार के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, सफदरजंग अस्पताल और राम मनोहर लोहिया जैसे बड़े अस्पतालों में सफलतापूर्वक चलाये जाने के बावजूद दिल्ली सरकार के एलएनजेपी, जीटीबी, आरएमएल जैसे अस्पतालों में उसे लागू न करने के पीछे सरकार की क्या मंशा है? आठवां हाई कोर्ट में सरकार की खिंचाई के बावजूद सरकार ने इसके क्रियान्वयन में तत्परता क्यों नहीं दिखाई? नौवां दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आने वाले मरीजों का रिकार्ड डिजिटली मेंटेन करने और उनके ट्रैकिंग की क्या है व्यवस्था? और दसवां इस साफ्टवेयर को लागू न किये जाने के चलते उत्पन्न हुई अव्यवस्था और मरीजों को हो रही परेशानी के लिए कौन जिम्मेदार है?
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल बनाने, मरीजों के स्वास्थ्य के रिकॉर्ड की ट्रेकिंग सुनिश्चित करने, अस्पतालों के सुचारू प्रबंधन, जनता के पैसों के दुरुपयोग को रोकने और स्वास्थ्य के समूचे सिस्टम को बेहतर बनाने के उद्देश्य से इस सॉफ्टवेयर को बनाया गया है। इसका देश के 738 अस्पतालों में पिछले कई सालों से सफलता पूर्वक उपयोग किया जा रहा है।
गुप्ता ने कहा, आम आदमी पार्टी की सरकार अपने पूर्वाग्रहों से ग्रस्त है और किसी भी केंद्रीय योजना का लाभ नही उठाना चाहती। सरकार ने प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी दिल्ली के नागरिकों को नहीं दिया और अब इस सॉफ्टवेयर के क्रियान्वयन में भी अड़ंगे लगा रही है ताकि जनता को इसका फायदा न मिले।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी