नन्हे कलाकार फेस्टिवल का हुआ भव्य शुभारम्भ

नन्हे कलाकार फेस्टिवल के चौथे संस्करण का हुआ भव्य शुभारम्भनन्हे कलाकार फेस्टिवल के चौथे संस्करण का हुआ भव्य शुभारम्भ

जयपुर, 4 जनवरी (हि.स.)। नन्हे कलाकार फेस्टिवल के चौथे संस्करण का उद्घाटन विधायक बालमुकुंदाचार्य और सचिव, खेल एवं युवा मामलात विभाग नीरज के पवन द्वारा शिल्पग्राम, जवाहर कला केंद्र में किया गया।

फेस्टिवल के मुख्य आकर्षण हार्मनी ऑफ फॉक डांस, 25 नन्हे मांगणियार द्वारा म्यूजिकल सिम्फ़नी, मान बैरागी, पैनल डिस्कशन, राहगीर का पोएटिक शो और युग्म बैंड की परफॉर्मेंस रही। यह फेस्टिवल अभ्युत्थानम वेलफेयर फाउंडेशन का एक फंड रेजिंग आर्ट फेस्टिवल है। 'नन्हे कलाकार' अपने वनीकरण-वन वृक्षारोपण के मिशन को आगे बढ़ा रहा है। मुफ्त ऑक्सीजन अभियान में योगदान करते हुए अपने महत्वपूर्ण अभियान को बढ़ावा देने और वित्त पोषित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। इस आयोजन ने पर्यावरणीय स्थिरता के लिए सामूहिक प्रयासों के महत्व पर जोर देते हुए उद्देश्य और समुदाय-संचालित कार्रवाई का माहौल तैयार किया।

कार्यक्रम के दौरान 20वीं पीढ़ी के कलाकार जहूर खान के नेतृत्व में प्रसिद्ध राजस्थानी कलाकारों की टोली बाबांग द्वारा एक शानदार वाद्य और संगीत मंच शो से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। इसके बाद हार्मोनिक वाद्ययंत्रों के साथ स्वर उत्कृष्टता का सम्मिश्रण करते हुए एक संगीतमय प्रस्तुति दी गई, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रतिभाशाली स्थानीय लड़कियों द्वारा शानदार राजस्थानी नृत्य प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम जारी रहा।सांस्कृतिक राजदूत के रूप में युवा: राजस्थान संस्कृति की उन्नति में यूथ की भूमिका - अनिश शेखर और डॉ. नीरज के पवन ने अपने-अपने विचारों को साझा किया।

पैनल डिस्कशन आत्मचिंतन में बताया गया कि, वह हमें याद दिलाते हैं कि समाज हमेशा विरासत और मूल्यों से समृद्ध रहा है और हमसे आग्रह करते हैं कि हम अपनी वर्तमान स्थिति और उस रास्ते का मूल्यांकन करें जहां हम होना चाहते हैं। एक अन्य डिस्कशन संस्कृत को पुनर्जीवित करना है; में बताया गया कि वह संस्कृत की शाश्वत प्रासंगिकता पर जोर देते हैं और इस प्राचीन भाषा के साथ फिर से जुड़ने के लिए खुली चर्चा का आह्वान करते हैं, क्योंकि सार्थक संवाद में कुछ भी खर्च नहीं होता है लेकिन यह अत्यधिक मूल्य पैदा करता है।

फेस्टिवल के दौरान नीरज के पवन ने कहा कि, संस्कृति, विरासत और परंपराएं रातों-रात नहीं बनतीं है। इन्हें निरंतर प्रयासों के माध्यम से पोषित किया जाता है। वह हमें अपनी जड़ों और विरासत का निर्माण और सम्मान करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

कलिनरी पैनल चर्चा में प्रतिष्ठित शेफ -

शेफ अजीत कुमार सिंह, शेफ गौरव माथुर, शेफ भूटानी, शेफ गगन जैन, शेफ अभिषेक मदान और शेफ हिम्मत सिंह मुख्या वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। वक्ताओं द्वारा इस बात पर प्रकाश डाला गया कि शेफ किस प्रकार परंपराओं को संरक्षित करने और वैश्विक व्यंजनों के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

'कंटेंट क्रिएटर्स के अनछुए जीवन का चित्रण'

पैनल चर्चा में गायक राहगीर और आरजे कार्तिक ने ध्रुव यादव द्वारा संचालित सत्र में, कंटेंट क्रिएटर्स की यात्रा पर अपने दृष्टिकोण साझा किए। इस सत्र में बताया गया कि कंटेंट निर्माण एक गहन व्यक्तिगत यात्रा है, जो प्रामाणिकता, लचीलापन और स्थानीय व वैश्विक प्रभावों के संतुलन पर आधारित है।

कार्यक्रम का समापन संगीत संध्या के साथ हुआ, जिसमें गायक राहगीर के 'तन खा गई ये तनख्वाह, मेरे गाँव आओगे, सुन बच्चे' आदि गीतों पर पूरी ऑडियंस झूम उठी। इसके बाद, गायक देवू खान मांगणियार और उनकी टीम द्वारा प्रस्तुति दी गई। देवू खान एक प्रसिद्ध गायक हैं, जिन्होंने 'इंडियाज़ गॉट टैलेंट' और जी20 शिखर सम्मेलन में प्रदर्शन किया है। बाल कलाकारों की इस प्रस्तुति ने ऑडियंस का मन मोह लिया। 'नन्हे कलाकार' के पहले दिन का समापन 'युग्म बैंड' के शानदार प्रदर्शन के साथ हुआ, उनके गीतों 'मोरे पिया, सुनती है क्या और लफ्ज़' ने युवा दर्शकों का मन मोह लिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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