भारत में मातृ मृत्यु अनुपात में उल्लेखनीय है सुधार, 2019-21 में एमएमआर में घटकर प्रति लाख जीवित जन्मों पर 93 हुई
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- May 10, 2025

नई दिल्ली, 10 मई (हि.स.)। भारत के महापंजीयक (आरजीआई) के नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भारत में प्रमुख मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार हो रहा है। शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त कार्यालय नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत में मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) 2019-21 में घटकर प्रति लाख जीवित जन्मों पर 93 हो गई, जो 2018-20 में 97 और 2017-2019 में 103 थी। वही 2021 में शिशु मृत्यु दर प्रति 1000 बच्चों में 31 हो गई है। जबकि यह संख्या 2014 में प्रति 1000 जन्म पर 45 बच्चे थी। कुल प्रजनन दर 2021 में 2.0 पर स्थिर है, जो 2014 में 2.3 थी।
एसआरएस 2021 रिपोर्ट के अनुसार,
आठ राज्य पहले ही मातृ मृत्यु अनुपात का एसडीजी लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं जिसमें केरल (20), महाराष्ट्र (38), तेलंगाना (45), आंध्र प्रदेश (46), तमिलनाडु (49), झारखंड (51), गुजरात (53), कर्नाटक (63) शामिल हैं। 2030 तक इसके साथ बारह राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पहले ही यूएमआर (2030 तक <=25) का एसडीजी लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं जिसमें केरल (8), दिल्ली (14), तमिलनाडु (14), जम्मू और कश्मीर (16), महाराष्ट्र (16), पश्चिम बंगाल (20), कर्नाटक (21), पंजाब (22), तेलंगाना (22), हिमाचल प्रदेश (23), आंध्र प्रदेश (24) और गुजरात (24) शामिल है। छह राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पहले ही एनएमआर का एसडीजी लक्ष्य (वर्ष 2030 तक मृत्यु की संख्या 12 ) प्राप्त कर चुके हैं केरल (4), दिल्ली (8), तमिलनाडु (9), महाराष्ट्र (11), जम्मू और कश्मीर (12) और हिमाचल प्रदेश (12)।
07 अप्रैल 2025 को प्रकाशित वर्तमान संयुक्त राष्ट्र मातृ मृत्यु दर अनुमान अंतर-एजेंसी समूह (यूएन-एमएमईआईजी) रिपोर्ट 2000-2023 के अनुसार, भारत की एमएमआर 2020 से 2023 तक में 23 अंकों की कमी आई है। इस उपलब्धि से, 1990 से 2023 तक पिछले 33 वर्षों में 48 प्रतिशत की वैश्विक कमी की तुलना में भारत की एमएमआर में अब 86 प्रतिशत की कमी आई है।
भारत बाल मृत्यु दर में कमी लाने वाले शीर्ष प्रदर्शन करने वाले देशों में से एक है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 1990 से 2023 तक पिछले 33 वर्षों में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (यूएमआर) में 78 प्रतिशत की कमी आई है जबकि वैश्विक स्तर पर 61 प्रतिशत की कमी आई है। नवजात शिशु मृत्यु दर (एनएमआर) में वैश्विक स्तर पर 54 प्रतिशत की तुलना में 70 प्रतिशत की कमी आई है और शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) में वैश्विक स्तर पर 58 प्रतिशत की तुलना में 71 प्रतिशत की कमी आई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी