सीएसजेएमयू और सिपेट के बीच हुआ एमओयू

--दोनों संस्थान मिलकर रसायन और पेट्रोकेमिकल्स के क्षेत्र में करेंगे कार्य

कानपुर, 07 फरवरी (हि.स.)। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) में चल रहे रसायन और पेट्रोकेमिकल्स औद्योगिक सुरक्षा पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान विवि और केंद्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट) के बीच शुक्रवार को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

समझौता ज्ञापन के दौरान छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि सीआईपीईटी और सीएसजेएमयू के बीच यह सहयोग रासायनिक और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों में औद्योगिक सुरक्षा अनुसंधान और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। जो भविष्य की संयुक्त पहल और कौशल विकास कार्यक्रमों का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने बताया कि छात्रों के लिए उद्योग-अकादमिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय प्रतिबद्ध है। इस बात पर भी प्रकाश डाला कि इस तरह की पहल छात्रों और शिक्षकों को व्यावहारिक ज्ञान और उद्योग अनुभव से लैस करने के सीएसजेएमयू के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

क्या है सीआईपीईटीसेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीआईपीईटी) भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान है। जो प्लास्टिक, पॉलिमर और पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कौशल विकास, प्रौद्योगिकी सहायता, शैक्षणिक, प्रशिक्षण, अनुसंधान और विकास गतिविधियों में लगा हुआ है। यह 45 स्थानों पर केंद्रों के साथ हब और स्पोक मॉडल पर काम करता है। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य पेट्रोकेमिकल्स, प्लास्टिक, पॉलिमर, केमिकल इंजीनियरिंग और मैटेरियल साइंस पर ध्यान केंद्रित करते हुए इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और विज्ञान के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति के विकास और वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक तालमेल पूर्ण ढांचे को बढ़ावा देना है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप

   

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