
जयपुर, 20 मार्च (हि.स.)। मुरलीपुरा थाना पुलिस ने आईएएस अधिकारी बनकर सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर 70 लाख रुपए ठगने के मामले में आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार फर्जी आईएएस ने गिरोह के साथ मिलकर लोगों को विधानसभा एवं सचिवालय में सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देते थे। गैंग के सदस्य खुद को ऊंचे पदों पर बताकर लोगों को झांसे में लेते थे। इस गिरोह का मुख्य सरगना सुनित शर्मा उर्फ अभिषेक एवं मोंटू मीणा को पुलिस पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है। मोंटू मीणा को एसओजी भी पकड़ चुकी है। गैंग के लोगों द्वारा अब तक करीब 14 लोगों से ठगी की जा चुकी है। पुलिस ने फर्जी आईएएस अधिकारी बने आरोपी को यूपी से गिरफ्तार किया है।
पुलिस उपायुक्त पश्चिम अमित कुमार ने बताया कि विधानसभा व सचिवालय में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर दर्ज मुकदमे में वांछित आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अधिकारियों की एक टीम का गठन किया गया। गठित टीम ने आरोपी को आगरा यूपी से पकड़ लिया गया। आरोपी 50 वर्षीय दीपक जैन उर्फ आर के अग्रवाल निवासी यूपी का रहने वाला है। इस मामले में परिवादी मानसिंह द्वारा मामला दर्ज करवाया कि वह भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हैं तथा परिवादी का भाई प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था । जिसका सम्पर्क अनिल कुमार मीणा से हुआ। जिसके साढू कमल किशोर मीणा उर्फ मोंटू मीणा व अभिषेक उर्फ सुनित शर्मा निवासी परमहंस कॉलोनी मुरलीपुरा से सम्पर्क करवाया गया। जिनके द्वारा विधानसभा व सचिवालय में वेकेन्सी निकालना बताते हुए अपनी ऊंची पहुंच बताकर नौकरी लगाने का झांसा देकर 14 लड़कों से 70 लाख रुपए हड़प कर लिए एवं विधानसभा के नाम से फर्जी कॉल लेटर जारी कर धोखाधड़ी की गई।
आरोपित से पूछताछ में सामने आया कि विधानसभा व सचिवालय मे नौकरी लगवाने के नाम पर गिरोह का मुख्य सरगना सुनित शर्मा उर्फ अभिषेक व मोन्टू मीणा उर्फ कमलकिशोर जिनके द्वारा अपने गिरोह में इंटरव्यू लेने के लिए फर्जी आईएएस अधिकारी व फर्जी डॉक्टर को हायर किया गया था गिरोह के सरगनाओं द्वारा प्रत्येक छात्र से 6-6 लाख रुपए कुल 70 लाख रुपए वसूल कर फर्जी कॉल लेटर जारी कर कथित आईएएस अधिकारी दीपक जैन उर्फ आर के अग्रवाल एवं डॉक्टर राजेन्द्र कुमार उर्फ रामलाल मीणा से मिलवाया गया। सरगना सुनित शर्मा उर्फ अभिषेक निवासी मुरलीपुरा और कमल किशोर मीणा उर्फ मोन्टू मीणा निवासी मानसरोवर को मई 2024 में गिरफ्तार किया गया था। जो कि वर्तमान में भी न्यायिक अभिरक्षा मे चल रहे है। गिरफ्तार फर्जी आईएएस अधिकारी दीपक जैन उर्फ आर. के. अग्रवाल ने पूछताछ बताया कि वर्ष 2021 में सचिवालय के पास स्थित स्टैच्यू सर्किल पर गैंग के सरगनाओं द्वारा उसे फर्जी आईएएस अधिकारी आर.के अग्रवाल बनाकर परिवादी से सचिवालय के पास मीटिंग करवाई। जिसमे मेरे द्वारा रुपयों के बदले उनको नौकरी लगाने का आश्वासन दिया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश