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भागलपुर, 13 फ़रवरी (हि.स.)। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में गुरुवार को विश्व रेडियो दिवस का आयोजन किया गया। यूनिस्को द्वारा वर्ष 2025 के रेडियो दिवस का थीम रेडियो और जलवायु परिवर्तन रखा गया है। इस मौके पर वक्ताओं ने रेडियो द्वारा विकासात्मक संचार में रेडियो की भूमिका पर प्रकाश डाला।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह ने कहा कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय उन चुनिंदा विश्वविद्यालय में से है जिसके अंतर्गत तीन सामुदायिक रेडियो स्टेशन संचालित है। एक अन्य रेडियो कटिहार से शुरू होने जा रहा है। विश्वविद्यालय ने स्थानीय समुदाय के उत्थान में रेडियो की प्रसंगिकता को साबित किया है। कुलपति के निर्देशन में इस कार्यक्रम का आयोजन प्रसार शिक्षा निदेशालय और सामुदायिक रेडियो स्टेशन एफएम ग्रीन द्वारा किया गया, जिसमें डॉ वी. ए. पार्थ सारथी भूतपूर्व निदेशक राष्ट्रीय रबर अनुसन्धान संस्थान, डॉ प्रकाश पाटिल परियोजना समन्वयक (फल) राष्ट्रीय उद्यान अनुसन्धान संस्थान, डॉ सुभाष चंद्रा भूतपूर्व निदेशक एनसीआईपीएम नई दिल्ली, डॉ पी. सी. त्रिपाठी, मुख्य वैज्ञानिक आईसीएआर नई दिल्ली, डॉ विकास दास निदेशक निदेशक लीची अनुशंधान संस्थान मुजफ्फरपुर सहित 200 से अधिक वैज्ञानिकों और किसानों ने भाग लिया।
डॉ. आर. के. सोहाने, निदेशक प्रसार शिक्षा ने अतिथियों को विश्वविद्यालय अंतर्गत संचालित सामुदायिक रेडियो से परिचित कराया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के मीडिया सेंटर के प्रभारी डॉ. राजेश कुमार और सामुदायिक रेडियो स्टेशन के प्रभारी ईश्वर चंद्र उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर