बस्तरिया राज मोर्चा के बैनर तले 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बीजापुर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

बीजापुर, 22 अक्टूबर (हि.स.)। बस्तरिया राज मोर्चा के बैनर तले आज मंगलवार काे अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के अध्यक्ष और पूर्व विधायक मनीष कुंजाम के नेतृत्व में आज बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने 11 सूत्रीय मांगो काे लेकर बीजापुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।

अखिल भारतीय आदिवासी महासभा की 11 सूत्रीय मांगे जिसमें -

जिले के सभी गांवो में स्कूल आंगनबाड़ी, बालबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण कर शिक्षा को गुणवत्ता के साथ संचालित किया जाए।

जिले में दूर अंचल जंगल के गांवों में 10 गांव के बीच हिरोली गांव में कम से कम 30 बिस्तर अस्पताल निर्माण कर संचालन किया जाए।

शिक्षा चिकित्सा का संचालन के लिए अधिकारी व कर्मचारियों को रहने के लिए आवास निर्माण गांवों में किया जाए।

सम्पूर्ण ग्रामीण आदिवासियों को आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, बैंक खाता और जमीन की त्रऋण पुस्तिका गाँवों के बीच शिविर लगाते हुए बनवाकर प्रमाण पत्र दिया जाए।

जिले के समस्त गांवों के वृध्दाओं को वृध्दा पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन, परित्यागता सहायता दिया जाए ।

सभी गांवों में सड़क, बिजली, पानी की सुविधा दिया जाए ।

विकास कार्य के दौरान क्षेत्र में किसी भी परिवार का खेती, जमीन, सल्फी पेड़, इमली पेड़, आम पेड़, महुआ पेड़ जैसे जीवन दायिनी सम्पत्ति नुकसान होने पर मुहआबजा दिया जाए। आदिवासी पारंपरिक आराध्य देवी-देवताओं की स्थानों को सुरक्षित भी किया जाए । आदिवासी विकास विरोधी नहीं है। विनाश का विरोध करते हैं। जो कि इस बिन्दु में उल्लेखित है।

आदिवासीयों के साथ पुलिस जवानों द्वारा सचिंग गस्त के दौरान पीड़िया, हितावर व अन्त्य जगहों में गोली चलाकर निर्दोष निहत्थे आदिवासीयों का हत्याए, बलात्कार जैसे कृत्य किए। उन पुलिस जवानों को जाँच कर दोषी सिध्द होने पर दण्डात्मक कार्यवाही किया जाए और आगे से कोई भी पुरुष हो या महिला संदेह के दायरे में आता है तो उसे पुलिस जवानों द्वारा मार-काट न करते हुए। पकड़कर गाँव में जनता के समक्ष पेश किया जाए। ताकि सही गलत का पहचान हो सके। तत्पश्चात कार्यवाही किया जाएं।

जिले के गंगालूर गाँव में पुनेम डोण्डा पेददा के नाम से भव्य रूप में कॉलेज भवन निर्माण कर संचालन किया जाए।

जिले में एन.एम.डी.सी. बचेली कॉम्पलेक्स द्वारा लोह उत्खनन से जिन जिन गांवों के किसानों का खेती जमीन लाल पानी से प्रभावित हुआ है। उन्हें मुहआवजा सहायता राशि एन.एम.डी.सी. से प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता तत्काल 7 दिवस के भीतर बनाकर दिया जाए ।

इसी तरह जिले में तेंदुपत्ता संग्रहकों द्वारा जब से विक्रय किया जा रहा है। तभी से अब तक का तेंदुपत्ता संग्रहकों को बकाया बोनस राशि कई संग्रहकों को नहीं दिया गया है। उन्हे तत्काल बोनस राशि का भुगतान दिया जाए। उक्त मांगाें को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।

सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि बीजापुर जिला में जिले के सम्पूर्ण आदिवासियों का जीवन शैली सलवा जुडूम के समय से अंधेरा (नर्क) में समा गया है। एक ओर माओवादी और दूसरी तरफ पुलिस दो तरफा लड़ाई में दूरअंचल जंगल के गांवों में निवासरत आदिवासी छुप-छुप कर जीवन यापन कर रहें हैं। इन ग्रामीणें के पास देश व जिले का नागरिकता होने का कोई प्रामाण नहीं है। क्योंकि सलवा जुडूम लड़ाई में घरों को आग लगाकर जलाया गया है। पिछले कुछ वर्ष से मार-काट की दहशत से राहत मिलने से ग्रामीण आदिवासी के मानवीय अवश्यकताओं का आंकलन करते हुए मूलभूत सुविधाओ को लेकर विकास की दरवाजा को खटखटा रहें है।

हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे

   

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