मोबाइल की रोशनी के सहारे अनुमंडलीय अस्पताल रजौली में हो रहा इलाज,स्वास्थ्य ब्यवस्था चौपट

नवादा ,01 फ़रवरी (हि.स.)।बिहार सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी जिला से लेकर अनुमंडलीय अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है।

इस कड़ी में रजौली अनुमंडलीय अस्पताल भी शामिल है। जहां की स्वास्थ्य व्यवस्था सिविल सर्जन और अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी के लापरवाही से चरमराई हुई है। ऐसा ही एक मामला देखने को मिला । जहां सड़क दुर्घटना में घायल युवकों को मोबाइल की रोशनी से इलाज किया गया है। जबकि बिजली कटने के बाद अस्पताल में रोशनी के लिए जनरेटर की व्यवस्था उपलब्ध है उसके बाद भी जनरेटर को चालू नही किया जाता है। और जब अस्पताल प्रबंधन से जानकारी लेने का प्रयास किया जाता है को अजीब अजीब मामला सामने आता है।कभी जनरेटर तेल के अभाव में बंद रहता है तो कभी स्टाफ नही रहने के कारण जनरेटर बंद रहता है।हालांकि मोबाइल की रोशनी के सहारे मरीजो की इलाज का यह कोई पहला मामला नही है।

इसके पूर्व भी कई बार मोबाइल जलाकर मरीजो का इलाज किया गया है।और जब भी इस विषय पर सिविल सर्जन से बात किया गया है तब एक ही जवाब मिलता है कुछ दिन में व्यवस्था को सुधार दिया जाएगा।लेकिन अस्पताल में फैले अव्यवस्था में कोई सुधार नही हुआ है।आखिर कब अनुमंडलीय अस्पताल की व्यवस्था में सुधार किया जायेगा।ये आने वाले दिनों में देखने योग्य होगा।बताया जाता है सड़क दुर्घटना में घायल युवक बाइक से सिरदला से रजौली अपने ससुराल आ रहा था।और इसी बीच अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।जिसे आनन फानन में इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल में भरती कराया गया।जहाँ चिकित्सक राघवेंद्र भारती सभी घायलों को मोबाइल की रोशनी के सहारे प्राथमिक इलाज कर बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजय कुमार सुमन

   

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