मोदी सरकार दे रही है खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्रोत्साहन :मदन राठौड़

जयपुर, 3 अप्रैल (हि.स.)। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य मदन राठौड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक कदम उठा रही है।

राज्यसभा में उनके सवाल के जवाब में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के समग्र विकास को बढ़ावा देने और सुनिश्चित करने के लिए, जिसमें पादप आधारित खाद्य उत्पाद भी शामिल हैं, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) अपनी केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं अर्थात् प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) योजना, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) और केंद्र प्रायोजित - प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम उन्नयन (पीएमएफएमई) योजना के माध्यम से देश भर में संबंधित बुनियादी ढांचे की स्थापना/विस्तार को प्रोत्साहित कर रहा है।

उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ( एफएसएसएआई ) ने खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य या स्वास्थ्य अनुपूरक, न्यूट्रास्युटिकल्स, विशेष आहार विषयक उपयोग के लिए खाद्य, चिकित्सा प्रयोजनों के लिए खाद्य, कृतकारी खाद्य और नूतन खाद्य) विनियमावली, 2016 को भी अधिसूचित किया। बड़ी संख्या में उत्पाद, जिन्हें अन्यथा खाद्य प्राधिकरण से विशिष्ट अनुमोदन की आवश्यकता होती, वे भी इसके अंतर्गत आ गए।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय निवेश को प्रोत्साहित करने और मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए सेमिनारों, कार्यशालाओं, मेलों और प्रदर्शनियों का आयोजन, सह-प्रायोजन और भागीदारी कर रहा है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने भारत मंडपम, नई दिल्ली में प्लांट बेस्ड फूड शो, 2025 के आयोजन के लिए प्लांट बेस्ड फूड्स इंडस्ट्री एसोसिएशन (पीबीएफ़आईए) को लोगो सहायता और वित्तीय सहायता प्रदान की। पीबीएफ़आईए द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इंडिया प्लांट बेस्ड फूड्स शो 2025 ने उद्योग सहयोग, सरकारी सहायता और वैश्विक जुड़ाव को बढ़ावा देकर प्लांट-आधारित खाद्य स्टार्टअप के लिए बाजार तक पहुँच को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इसके अलावा, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय वर्ल्ड फूड इंडिया (डब्ल्यूएफआई) का आयोजन कर रहा है, जो पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों सहित खाद्य प्रसंस्करण में निवेश के अवसरों और प्रगति को उजागर करने के लिए एक प्रमुख मंच प्रदान करता है।

उन्होंने बताया कि 25-28 सितंबर, 2025 को डब्ल्यूएफआई, 2025, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उनके एकीकरण की सुविधा प्रदान करके स्टार्टअप सहित पौधे आधारित खाद्य उद्योग के विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में अपनी भूमिका को और मजबूत करेगा।

19-22 सितंबर 2024 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 ने अपने प्रमुख फोकस स्तंभों: न्यूनतम अपशिष्ट, अधिकतम मूल्य और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में टिकाऊ पैकेजिंग के माध्यम से सतत विकास और भारत के नेट जीरो उत्सर्जन लक्ष्य पर जोर दिया। इन स्तंभों का उद्देश्य पूरे क्षेत्र में संसाधन दक्षता, अपशिष्ट में कमी और पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग समाधानों को बढ़ावा देना है।

इसके अलावा, मंत्रालय भारत के नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने की योजनाओं में परियोजना के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत जैसे सौर, बायो-मास, पवन आदि का समर्थन करता है।

उन्होंने बताया कि मंत्रालय संबंधित योजना दिशानिर्देशों के अनुसार, पौधे आधारित खाद्य उत्पादों सहित विभिन्न प्रकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के लिए संभावित उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र में पौधे आधारित खाद्य उत्पादों का विनिर्माण करने वाले उद्यमियों को भी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की योजनाओं के तहत प्रोत्साहित किया जाएगा।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

सम्बंधित खबर