शिमला में नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, शाह सिंडिकेट के 10 और सदस्य गिरफ्तार
- Admin Admin
- Feb 05, 2025
शिमला, 05 फ़रवरी (हि.स.)। उत्तर भारत में नशे की तस्करी का जाल फैलाने वाले कुख्यात शाह सिंडिकेट के खिलाफ शिमला पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। पुलिस ने इस गिरोह से जुड़े 10 और गुर्गों को गिरफ्तार किया है। अब तक इस सिंडिकेट के मुख्य सरगना समेत 26 लोगों को सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है जबकि 200 संदिग्ध पुलिस के रडार पर हैं। पूछताछ में सामने आया है कि इस गिरोह ने केवल यूपीआई और स्कैनर के माध्यम से ही चार करोड़ रुपये का भुगतान किया है। पुलिस ने ऐसे 29 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है।
इस ड्रग सिंडिकेट के तार उत्तर भारत के कई राज्यों के साथ-साथ नाइजीरिया तक फैले हैं। यह गिरोह ऑनलाइन माध्यमों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर नशे के काले कारोबार को अंजाम दे रहा था। पूछताछ के दौरान गिरोह के सरगना संदीप शाह ने खुलासा किया कि वह दिल्ली में रहने वाले एक नाइजीरियन नागरिक मार्क से चिट्टा खरीदता था। दोनों के बीच व्हाट्सएप कॉल और अन्य वर्चुअल माध्यमों से बातचीत होती थी। जिसके बाद नाइजीरियन गिरोह का एक सदस्य ड्रग्स की सप्लाई के लिए पहुंचता था। अब पुलिस मार्क की तलाश में जुट गई है।
स्थानीय नेटवर्क से जुड़ा है गिरोह, 10 गिरफ्तार
पुलिस जांच में पता चला है कि इस सिंडिकेट के अधिकतर सदस्य स्थानीय निवासी हैं। गिरफ्तार किए गए 10 आरोपियों को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें गुरुवार तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में अमन शोभटा (32) निवासी कोटखाई, कपिल चंदेल (25) निवासी ठियोग, अयान चौहान (25) निवासी कोटखाई, निखिल सैन (29) निवासी ठियोग, रजत कराइक (29) निवासी नारकंडा, सुशील वर्मा (32) निवासी ठियोग, मनुज ठाकुर निवासी संजौली, सुशील शर्मा (38) निवासी ठियोग, अंशुल राणा (40) निवासी ठियोग, रजत ठाकुर (30) निवासी शिमला शामिल हैं।
शाह सिंडिकेट के खिलाफ पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा, जल्द होंगी और गिरफ्तारियां
शिमला के एसपी संजीव गांधी ने बताया कि नशे के इस काले कारोबार में शामिल अब तक 26 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 200 संदिग्धों से पूछताछ जारी है। पुलिस ने आधुनिक तकनीकों की मदद से बैंक ट्रांजैक्शन और डिजिटल गतिविधियों की जांच तेज कर दी है जिससे गिरोह के और सदस्यों की पहचान हो सके।
एसपी गांधी के अनुसार पुलिस की सख्ती का असर दिख रहा है। जनवरी महीने में ही एनडीपीएस एक्ट के तहत 46 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 86 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस दौरान आधा किलो हेरोइन/चिट्टा और चार किलोग्राम चरस बरामद की गई है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि नशे के सौदागरों और ड्रग पैडलरों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस की इस मुहिम का मकसद शिमला और उत्तर भारत को नशे के जाल से मुक्त करना है। आने वाले दिनों में इस सिंडिकेट के अन्य सदस्यों पर भी शिकंजा कसा जाएगा जिससे इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।
डिजिटल पेमेंट से हो रहा था नशे का व्यापार
शाह सिंडिकेट का नेटवर्क बेहद संगठित और आधुनिक तकनीकों से लैस है। पुलिस जांच में सामने आया है कि यह गिरोह पारंपरिक लेन-देन से बचने के लिए यूपीआई और ऑनलाइन पेमेंट माध्यमों का इस्तेमाल करता था। अब तक की जांच में 4 करोड़ रुपये की डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन सामने आई है।
पुलिस ने 29 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है और उन खातों की जानकारी जुटाई जा रही है जिनके जरिए यह अवैध कारोबार संचालित हो रहा था। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही इस सिंडिकेट से जुड़े अन्य बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा