नारनौल: सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा में लिपि व भाषा का विशेष योगदान: प्रो प्रेमचंद पतंजलि
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- Apr 09, 2025

-हकेवि में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन
नारनौल, 9 अप्रैल (हि.स.)। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में बुधवार को पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा नागरी लिपि परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें नागरी लिपि परिषद् के राष्ट्रीय संयोजक प्रो. प्रेमचंद पतंजलि, महामंत्री डॉ. हरि सिंह पाल, रक्षा मंत्रालय के पूर्व हिंदी अधिकारी आचार्य ओमप्रकाश, केंद्रीय हिंदी निदेशालय के डॉ. भगवती प्रसाद निदारिया, हिंदी प्रेमी मंडली, हैदराबाद के चवाकुल रामकृष्ण राव व डॉ. रामनिवास मानव की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस मौके पर चवाकुल रामकृष्ण ने विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार को चवाकुल नरसिंह मूर्ति स्मृति नागरी सम्मान से भी सम्मानित किया।
विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार ने भाषा के महत्त्व और उसमें लिपि की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अवश्य ही इस आयोजन के माध्यम से विद्यार्थी भाषा के विकास में लिपि के महत्त्व को समझेंगे। कुलपति ने बदलते समय में तकनीक के महत्त्व पर भी प्रकाश डाला और कहा कि आने वाला समय तकनीक का है इसलिए तकनीक के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में नीदरलैंड से डॉ. रामा तक्षक, आस्ट्रेलिया से डॉ. भावना व डॉ. प्रगीत कंुवर, मॉरिशस से डॉ. सोमदत्त काशीनाथ, चेन्नई से राजलक्ष्मी कृष्णन, डिबू्रगढ़ असम से ललित शर्मा, दिल्ली से डॉ. शिवशंकर अवस्थी, काशी विद्यापीठ से डॉ. राजमुनि तथा कोडरमा झारखंड से डॉ. अशोक अभिषेक ने विषय विशेषज्ञ के रूप में ऑनलाइन से अपने विचार प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुत किए। मुख्य वक्ता प्रो. प्रेमचंद पतंजलि ने लिपि के महत्त्व से प्रतिभागियों को अवगत कराया और बताया कि किस तरह से सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा में लिपि व भाषा का योगदान है। प्रो. पतंजलि ने लिपि के विकास और उसमें उपलब्ध वैज्ञानिकता व एकात्मकता पर भी विस्तार से प्रतिभागियों को अवगत कराया। कार्यक्र में डॉ. रामनिवास मानव, डॉ. हरि सिंह पाल, आचार्य ओमप्रकाश, डॉ. भगवती प्रसाद निदारिया व रामकृष्ण राव ने भी प्रतिभागियों को लिपि के महत्त्व और उसकी भाषा के विकास में उपयोगिता से अवगत कराया।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला