ठाणे सिविल अस्पताल में आधुनिक एफेरेसिस मशीन, डेंगू मलेरिया हेतू वरदान
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- Apr 01, 2025

मुंबई, 1अप्रैल ( हि.स.) । रक्त की एक थैली में रक्त को छांटने से प्राप्त घटकों की मात्रा बहुत कम थी। इसलिए, हालांकि अक्सर रक्त में प्लेटलेट्स और प्लाज्मा घटकों को खोजने के लिए भागदौड़ करनी पड़ती है, लेकिन अब ठाणे जिला सिविल अस्पताल में शरीर से वांछित रक्त घटकों को निकालने के लिए एफेरेसिस मशीन तैनात की गई है। आवश्यकतानुसार दाता से केवल प्लेटलेट्स, प्लाज्मा और लाल कोशिकाएं ही निकाली जाएंगी। इससे डेंगू, मलेरिया, लेप्टोस्पायरोसिस, गर्भवती महिलाओं आदि के लिए प्लेटलेट्स प्राप्त करने की आवश्यकता कम हो जाएगी।यह आधुनिक मशीन ठाणे सिविल अस्पताल में डेंगू मलेरिया रोगियों के लिए वरदान साबित होगी।
बताया जाता है कि आजकल, डेंगू, मलेरिया या लेप्टोस्पायरोसिस जैसे बुखार होने पर कई लोग कांपने लगते हैं। यदि ऐसे बुखार का तुरंत इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकता है। शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या में तेजी से कमी के कारण रक्त का थक्का जमना बाधित होता है। आपको प्लेटें लाने के लिए दौड़ना होगा। प्रायवेट ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की कीमत भी अधिक है। इसलिए यह आम जनता के लिए चिंता का विषय बन गया है। लेकिन सिविल अस्पताल में आधुनिक एफेरेसिस मशीन शुरू कर दी गई है। ब्लड बैंक प्रमुख डॉ गिरीश चौधरी. ने बताया कि इस मशीन के माध्यम से रक्तदाता के रक्त से वांछित अवयव निकालना संभव हो गया है।
ठाणे जिला सिविल अस्पताल के सर्जन डॉ कैलाश पवार ने बताया कि रक्तदान के बाद शरीर से लगभग 350 मिलीलीटर रक्त निकाला जाता है। इसमें प्लेटलेट्स की कुल संख्या लगभग 5,000 होती है। हालांकि, एफेरेसिस मशीन से मरीज को काफी राहत मिलेगी। यह मशीन डोनर के शरीर से 50,000 प्लेटलेट्स निकालने में सक्षम होगी के सर्जन और प्लेटलेट्स का एक बैग मरीज को ठीक होने में मदद मिलेगी। फिलहाल यह मशीन ने काम काज शुरू हो गई है। इस मशीन का निरीक्षण करते समय जिला शल्य चिकित्सक डॉ. कैलाश पवार, निवासी चिकित्सा अधिकारी डॉ. मृणाल राहुद, डॉ. गिरीश चौधरी, विनोद जोशी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि एक बार रक्तदान करने के बाद रक्तदाता को हर तीन महीने में रक्तदान करना चाहिए। हालाँकि, एफेरेसिस मशीन द्वारा आपके रक्त से प्लेटलेट्स निकालने के बाद आप सप्ताह में दो बार भी प्लेटलेट्स दे सकते हैं। प्लाज्मा, लाल रक्त कणिकाएं, शुद्ध रक्त तथा प्लेटलेट्स निकालना संभव है। एक रक्तदाता की प्लेटलेट्स इस मशीन से निकाली गई हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा