
नई दिल्ली, 10 मार्च (हि.स.)। लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर हुई बहस के बीच भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे ने तमिलनाडु के क्षेत्रीय राजनीतिक दल एवं सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) पर अलगाव की भावना भड़काने का आरोप लगाया । उन्होंने कहा कि द्रमुक देश के ताने-बाने को तोड़ना चाहती है।
निशिंकात दुबे ने लोकसभा में कहा कि तीन भाषा फार्मूले का विरोध कर द्रमुक पार्टी असल में तेलगु, कन्नड़, तमिल, मैथली और संथाली का विरोध कर रही है। वे केवल ब्रिटिश लोगों की अंग्रेजी को ही लागू करना चाहते हैं।
दुबे ने कहा कि तमिल देश की प्राचीन भाषाओं में से एक है लेकिन संस्कृत उससे भी कहीं अधिक पुरानी भाषा है। देश के हर मंदिर में पूजा अर्चना संस्कृत भाषा के माध्यम से होती है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि द्रमुक सरकार तमिलनाडु में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू नहीं करके छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा