हिसार : अनुसूचित जाति की महिला किसानों के लिए डेयरी प्रसंस्करण पर कार्यक्रम का आयोजन

प्रशिक्षण उपरांत उन्हें मधानी भेंट करते अधिकारी।

समापन अवसर पर लुवास अधिकारियों ने दी जानकारी

हिसार, 25 जनवरी (हि.स.)। लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय

(लुवास) की ओर से केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान, हिसार के सहयोग से पांच दिवसीय

‘अनुसूचित जाति की महिला किसानों के उद्यमिता विकास के लिए डेयरी प्रसंस्करण पर प्रशिक्षण’ कार्यक्रम का आयोजन

किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिला किसानों को विभिन्न विषयों पर जानकारी दी

गई।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में शनिवार को मुख्य अतिथि के तौर पर

लुवास के मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. राजेश खुराना रहे जबकि केंद्रीय भैंस अनुसंधान

संस्थान, पशु पोषण विभाग के प्रमुख डॉ. अविजीत डे विशिष्ट अतिथि रहे। इस अवसर पर डॉ.

राजेश खुराना ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने

की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों ने डेयरी

प्रसंस्करण के नवीनतम तरीकों का प्रशिक्षण लिया, जिससे आने वाले समय में अपने उद्यम

को बेहतर तरीके से संचालित कर सकती हैं।

डॉ. राजेश खुराना ने इस मौके पर आयोजकों द्वारा लिखित पुस्तक ‘भारत के डेयरी

उत्पाद: शुरुआती डेयरी उद्यमियों के लिए मार्गदर्शिका’ का भी विमोचन किया।

इस पुस्तक के लेखक डॉ. शरणगौड़ा बी. पाटिल, डॉ. नवनीत सक्सेना, डॉ. इंदु, डॉ. सुमित

महाजन, डॉ. गुरुराज तथा डॉ. ऐश्वर्या हैं। आयोजकों द्वारा विमोचित पुस्तक की एक प्रतिलिपि

प्रत्येक प्रतिभागी को प्रदान की गई। डॉ. राजेश खुराना ने डेयरी क्षेत्र में किसानों

एवं उद्यमियों के लिए सरल भाषा में लिखी गई इस पुस्तक की सराहना की और लेखकों को बधाई

दी।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डॉ. अविजीत डे ने कहा कि यह प्रशिक्षण ग्रामीण महिलाओं

के लिए डेयरी उद्योग में नए अवसरों के द्वार खोलने वाला साबित होगा। यह प्रशिक्षण महिलाओं

को आत्मनिर्भर बनने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में भी मदद करेगा। कार्यक्रम के समापन समारोह के अवसर पर डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय

के अधिष्ठाता डॉ. शरणगौड़ा बी पाटिल ने प्रतिभागियों को उनके प्रयासों के लिए बधाई

दी और उन्हें भविष्य में अपने ज्ञान का उपयोग करते हुए उद्यमिता में उत्कृष्टता प्राप्त

करने के लिए प्रेरित किया।समापन कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रमाण पत्रों

के साथ-साथ एक-एक मधानी भी वितरित की गई जो कि महिला प्रशिक्षार्थियों को उद्यमिता

विकास के लिए प्रेरित करेगा। कार्यक्रम की मेज़बानी सहायक प्रोफेसर डॉ. इंदु ने की

और धन्यवाद प्रस्ताव सहायक प्रोफेसर डॉ. सुमित महाजन ने प्रस्तुत किया। यह प्रशिक्षण

कार्यक्रम समन्वयक डॉ. इंदु एवं डॉ. सुमित महाजन की देखरेख में आयोजित किया गया। समापन

समारोह में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, प्राध्यापक,

विद्यार्थी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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