
पूर्वी चंपारण,23 जनवरी (हि.स.)। भारत विकास परिषद के शाखा रक्सौल के तत्वावधान में गुरुवार को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 128वीं जयंती पराक्रम दिवस के रूप में रक्सौल शहर के कौड़िहार चौक स्थित परिषद के कार्यालय में परिषद के संरक्षक अवधेश सिंह की अध्यक्षता में समारोहपूर्वक मनायी गयी ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ भारत माता की जय घोष व वन्दे मातरम् गीत के साथ किया गया। इसके उपरांत भारत माता एवं नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के तैलचित्र पर पुष्पांजलि की गयी ।इस मौके पर अवधेश सिंह ने नेताजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नेताजी का अदम्य साहस और वीरता के सम्मान में समूचा देश पराक्रम दिवस के रूप में मना रहा है । सुभाषचन्द्र बोस भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सबसे अग्रणी नेता थे । द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़़ने के लिए उन्होंने आजाद हिन्द फौज का गठन किया । उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया ।
परिषद के सचिव सह मीडिया प्रभारी रजनीश प्रियदर्शी ने कहा कि कृतज्ञ राष्ट्र देश की आजादी के लिए उनके त्याग और समर्पण को सदा याद रखेगा । परिषद के कला एवं संस्कृति संयोजक अजय कुमार ने कहा कि आज हम सभी विशेषकर युवाओं को नेताजी के आदर्शों को अपनाने की जरूरत है । वहीं प्रशांत कुमार ने कहा कि उनके कथनी एवं करनी में कोई अंतर नहीं था । उन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था । आज उनके पदचिन्हों पर चलकर ही देश विश्व के अग्रणी राष्ट्रों में शुभार हो सकता है । कार्यक्रम के अंत में नीतेश कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार