नेपाल : प्रधानमंत्री ओली ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, बीआरआई पर सहमति बनाने का प्रयास

काठमांडू, 25 नवंबर (हि.स.)। अपने प्रस्तावित चीन भ्रमण के दौरान बेल्ट एंड रोड इनिसिएटिव (बीआरआई) कार्यान्वयन समझौता पर हस्ताक्षर करने से पहले प्रधानमंत्री केपी ओली ने इसको लेकर उठ रहे विवाद को कम करने और बीआरआई पर आम सहमति बनाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

सोमवार को प्रधानमंत्री ओली ने अपने दफ्तर सिंहदरबार में बीआरआई पर चर्चा करने और आम सहमति बनाने के लिए सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों और पूर्व विदेश मंत्रियों को बुलाया था। इस बैठक में प्रधानमंत्री ओली ने 2 दिसंबर से शुरू होने जा रहे चीन भ्रमण के दौरान बीआरआई के कार्यान्वयन समझौते को लेकर जानकारी दी। उन्होंने आगामी चीन भ्रमण के दौरान उठाए जाने वाले एजेंडे को लेकर भी इस बैठक में जानकारी साझा की।

प्रधानमंत्री ओली के साथ बैठक करने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री तथा एकीकृत समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष माधव नेपाल ने कहा कि नेपाल को बीआरआई को स्वीकार कर लेना चाहिए और उसे नेपाल के अधिकतम हित में प्रयोग करना चाहिए। पत्रकारों के साथ बातचीत में माधव नेपाल ने कहा कि जब अमेरिका के साथ एमसीसी से लाभ ले सकते हैं तो फिर चीन के बीआरआई से लाभ लेने से पीछे नहीं हटना चाहिए।

इस बैठक में सहभागी पूर्व विदेश मंत्री एवं नेपाली कांग्रेस के सांसद एनपी साउद ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सभी को आश्वासन दिया है कि चीन के बीआरआई के तहत नेपाल ऋण को स्वीकार नहीं करेगा। प्रधानमंत्री ओली ने इस बैठक के दौरान यह भी बताया कि नेपाल अपने हित को और राष्ट्रीय प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए ही कोई समझौता करेगा। साउद ने कहा कि प्रधानमंत्री ओली द्वारा बीआरआई में ऋण को अस्वीकार किए जाने की बात कहना एक सकारात्मक कदम है।

इसी बैठक में सहभागी राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री डा प्रकाश चंद्र लोहनी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा अभी यह बात कहना कि हम बीआरआई में ऋण नहीं लेंगे, यह कूटनीतिक तौर पर सही नहीं है। डा. लोहनी ने कहा कि यह सही विदेश नीति नहीं है। बिना चीन के साथ वार्ता किए, पहले ही यह धारणा बना लेना कि ऋण लेना है या नहीं लेना है, यह गलत परंपरा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास

   

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