छोटी काशी में भगवान झूलेलाल ने समाज के लोगों के साथ किया नगर भ्रमण

हर्षोल्लास के साथ समाज के लोगों ने मनाया चेटीचंड महोत्सवहर्षोल्लास के साथ समाज के लोगों ने मनाया चेटीचंड महोत्सव

जयपुर, 30 मार्च (हि.स.)। सिंधी समाज के आराध्य वरुण अवतार भगवान श्री झूलेलाल का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर रविवार को छोटी काशी में भगवान झूलेलाल ने समाज के लोगों के साथ नगर भ्रमण किया। नगर भ्रमण के दौरान आयो लाल झूलेलाल के नारों से शहर गूंज उठा।

प्रवक्ता तुलसी संगतानी ने बताया कि शहर के झूलेलाल मंदिरों में प्रातः भगवान झूलेलाल का पंचामृत अभिषेक कर नवीन वस्त्र धारण कराए गए। मंदिर के शिखर पर लाल रंग की धर्म ध्वजा फहराई गई, ऋतु पुष्पों से मंदिर का श्रृंगार किया गया और बिजली की झालरों से परिसर को सजाया गया। महिलाओं ने मीठे चावल और छोले का भोग अर्पित कर भगवान से विश्व कल्याण की विशेष प्रार्थना की। इस अवसर पर सिंधी शहनाई और ढोल की धुन पर पारंपरिक सिंधी लोक नृत्य छेज की प्रस्तुति भी दी गई।

चेटीचंड सिंधी मेला समिति के तत्वावधान में शहर में विशाल शोभायात्रा निकाली गई। पूज्य सिंधी पंचायत, पुरानी बस्ती के सहयोग से चौगान स्टेडियम में शोभायात्रा का शुभारंभ हुआ। संरक्षक नंदलाल लालवानी ने बताया कि श्री अमरापुर दरबार के संत मोनू राम एवं संत मंडली ने ज्योति प्रज्ज्वलित कर यात्रा की शुरुआत की। इस दौरान हवामहल विधायक बालमुकुंद आचार्य, ज्ञानदेव आहूजा, मोहन लाल वाधवानी, नारायण दास नाज़वानी, छबल दास नवलानी, अमर गुरबाणी, चंद्र प्रकाश खेतानी एडवोकेट, ईश्वर मोरवानी और मनोज ठाकवानी सहित कई गणमान्यजन उपस्थित रहे।

इस अवसर पर संत मोनू राम महाराज ने कहा कि सद्गुरु स्वामी टेऊंराम महाराज के जीवन परिचय और उनकी वाणी (दोहे, पद, छंद, श्लोक माला, भजन) को हिंदी पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया जाना चाहिए। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर चेटीचंड का अवकाश घोषित करने की मांग की गई।

पूज्य सिंधी पंचायत, पुरानी बस्ती के अध्यक्ष हेमन दास मंगतानी और महासचिव हीरानंद मोटवानी ने समाज और सिंधी भाषा के उत्थान में योगदान देने वाले तुलसी संगतानी को सिंधी सपूत 2025 की उपाधि से सम्मानित किया। उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

संगठन महासचिव कमल आसवानी ने बताया कि शोभायात्रा की अगुवाई गजराज (हाथी) ने की, जिसके पीछे ऊंट, घोड़े और सजीव झांकियों से सुसज्जित बग्गियां थीं। शोभायात्रा में शहर के प्रसिद्ध जिया, सुंदर, अशोक, दौलत और शंकर बैंड ने सिंधी संगीत की स्वर लहरियां बिखेरीं, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया।

झांकी सचिव गुलाब कोरानी और पखवाड़ा कार्यक्रम सचिव दिलीप भूरानी ने बताया कि शोभायात्रा में 45 से अधिक भव्य झांकियां शामिल हुईं, जिनमें श्री गणेश जी, श्री गोविंद देव जी, श्री राम दरबार, श्री शिव परिवार, दुर्गा माता, कमल पुष्प पर भगवान श्री झूलेलाल, जल में नर-मछली पर विराजमान भगवान झूलेलाल, घोड़े पर भगवान झूलेलाल, भगवान शिव और नंदी, भगवान श्री झूलेलाल का श्वेत धवल मंदिर, सिंधु संस्कृति पर आधारित मोहन जो दड़ो और सिंध के प्रतापी राजा दाहिर सेन का महल प्रमुख आकर्षण रहे।

सामाजिक संदेश देने वाली झांकियां भी विशेष आकर्षण का केंद्र बनीं, जिनमें बोरवेल बंद करो संदेश देने वाली झांकी और मां-बाप की सेवा ही असली महाकुंभ है झांकी दर्शकों को विशेष रूप से प्रभावित कर रही थी।

कोषाध्यक्ष दीपक कुमार डुलानी ने बताया कि शोभायात्रा चौगान स्टेडियम से प्रारंभ होकर गणगौरी बाजार, चांदपोल बाजार, खजाने वालों का रास्ता, इंद्रा बाजार, नेहरू बाजार, बापू बाजार, जौहरी बाजार, बड़ी चौपड़, हवामहल बाजार और चांदी की टकसाल से होते हुए कंवर नगर स्थित श्री झूलेलाल मंदिर पर संपन्न हुई।

पूज्य सिंधी पंचायत, कंवर नगर के थांवर दास रामरख्यानी, साधु राम तोतलानी और रूपचंद दौलतानी ने शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया। इसके बाद मंदिर परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया और देर रात झांकी प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा की गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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